Keir Starmer Visit India: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भारत यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बैठक में खालिस्तानी उग्रवाद के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने स्टार्मर से कहा कि उग्रवाद और कट्टरता का लोकतांत्रिक समाज में कोई जगह नहीं है। ऐसे तत्वों पर कानूनी ढांचे के भीतर कार्रवाई जरूरी है। PM मोदी ने कहा कि हिंसा और कट्टरपंथ को लोकतंत्र में जगह नहीं मिलनी चाहिए। दोनों देशों को अपने-अपने कानूनों के मुताबिक इन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक समाजों में कट्टरपंथ और हिंसक उग्रवाद के लिए कोई जगह नहीं है। उन्हें समाज द्वारा स्वतंत्रता का दुरुपयोग या दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। दोनों पक्षों के पास उपलब्ध कानूनी ढांचे के भीतर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के पीएम से खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। विदेश सचिव ने इस यात्रा को 'वास्तव में लोगों के लिए साझेदारी बताया।' साथ ही इस बात पर जोर डाला कि भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के नागरिकों के लाभ के लिए कई मोर्चों पर मिलकर काम कर रहे हैं। खालिस्तानियों के मुद्दे पर भारत ने विदेशों में ऐसे समूहों की गतिविधियों पर अपनी गंभीर चिंता दोहराई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंध ऐसे समय में वैश्विक स्थिरता एवं आर्थिक प्रगति के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं जब विश्व अनिश्चितता के दौर से जूझ रहा है। पीएम मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत के बाद यह टिप्पणी की।
दोनों नेताओं ने कहा कि जुलाई में दोनों पक्षों के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर लगने से नई ऊर्जा का संचार होगा। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और संबंधों का समग्र दायरा व्यापक होगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बुधवार को 100 से ज्यादा सीईओ, कारोबारियों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। यह स्टार्मर की पहली भारत यात्रा है।
स्टार्मर ने कहा कि भारत वर्ष 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। ब्रिटेन इस सफर में साझेदार बनने के लिए उपयुक्त स्थिति में है। उन्होंने कहा कि दोनों देश ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल को भी गहरा कर रहे हैं।
बुधवार को एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मुंबई पहुंचे स्टार्मर ने कहा कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की। दोनों देशों ने इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए साझा दृष्टिकोण अपनाया।
स्टार्मर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इजरायल-हमास शांति प्रस्ताव को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह योजना गाजा के बंधकों, नागरिकों और पूरी दुनिया के लिए राहत लेकर आएगी। उन्होंने कहा, "अब हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि यह शांति योजना पूरी तरह और बिना देरी के लागू हो।"