केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार एक नया सिस्टम लाने जा रही है, जो भारत में पूरे टोल सिस्टम को बदल देगी, जिसका उद्देश्य आम आदमी को राहत देना है। नई दिल्ली में News18 राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में गडकरी ने कहा, "हम एक नीति ला रहे हैं, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी। हम टोल की प्रोसेस बदल रहे हैं... मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकता, लेकिन मेरा मानना है कि अगले 8-10 दिनों में इसकी घोषणा कर दी जाएगी।"
गडकरी ने यह भी आश्वासन दिया कि नया सिस्टम लागू होने के बाद टोल रेट कम हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने पिछले महीने राज्यसभा में बोलते हुए नई टोल नीति का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि भारत के बढ़ते रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए टोल चार्ज जरूरी है, लेकिन सरकार इस व्यवस्था को ज्यादा कंज्यूमर-फ्रेंडली बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
2008 के नियमों के अनुसार, नेशनल हाईवे के एक ही हिस्से पर और एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के भीतर टोल प्लाजा बनाया नहीं जा सकता।
नेशनल हाईवे पर सभी यूजर टोल प्लाजा नेशनल हाईवे फीस (दरों और संग्रहण का निर्धारण) नियम, 2008 और संबंधित रियायत समझौते के प्रावधान के अनुसार स्थापित किए गए हैं।
हाल के सालों में भारत का टोल कलेक्शन बढ़ा है, 2023-24 में रेवेन्यू 64,809.86 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 35% की बढ़ोतरी है। इसकी तुलना में, 2019-20 में कलेक्शन 27,503 करोड़ रुपए था।
भारत को हरित अर्थव्यवस्था बनाने की अपनी महत्वाकांक्षा के तहत गडकरी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह हाइब्रिड गाड़ियों पर GST घटाना चाहते हैं और उन्होंने देश को 36 करोड़ से ज्यादा पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से पूरी तरह मुक्त करने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि हाइब्रिड गाड़ियों पर GST घटाकर पांच प्रतिशत और फ्लेक्स इंजन पर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा गया है, जो इस पर विचार कर रहा है।