उत्तराखंड इन दिनों लगातार हो रही बारिश की मार झेल रहा है। पूरे प्रदेश में हालात ऐसे हैं कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो गई है। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक हर जगह बारिश का असर साफ नजर आ रहा है। कहीं सड़कें बंद हैं तो कहीं गांवों का संपर्क टूट गया है। इस बीच मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। पहाड़ी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बरसात के इस मौसम में हर दिन नए खतरे सामने आ रहे हैं। अचानक से बदलता मौसम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
अगले 48 घंटे और भी मुश्किल
मौसम विभाग की ताजा चेतावनी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अगले 48 घंटों के लिए देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। यानी इन इलाकों में तेज बारिश और बादल फटने जैसी घटनाओं के आसार बने रहेंगे।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बना परेशानी की वजह
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस बार सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। इसका मुख्य कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाला वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है। इसी वजह से लगातार बारिश हो रही है और मौसम बार-बार बिगड़ रहा है।
17 सितंबर तक जारी रह सकती है बरसात
विशेषज्ञों का मुताबीक प्रदेश में 17 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रह सकता है। मैदानी जिलों में भी हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। यानी फिलहाल राहत मिलने के आसार कम दिख रहे हैं।
आपदाग्रस्त जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
इस साल रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली और टिहरी जिले सबसे ज्यादा आपदा की चपेट में रहे हैं। इन इलाकों में कई जगहों पर पहाड़ टूटकर सड़कों पर आ गिरे हैं। कई जगह भू-धंसाव से रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे गांव-गांव का संपर्क टूटा पड़ा है।
लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से कई लोगों की जान जा चुकी है। कई घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। कुछ लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं और उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
बारिश के चलते लोग रोजमर्रा की जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बाजारों से लेकर स्कूल-कॉलेज तक, हर जगह मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। कई गांवों में तो खाने-पीने की चीजें पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है।