Uttarakhand News: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से दिल्ली की यात्रा करने वाले यात्रियों को एक बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड परिवहन निगम की लग्जरी वॉल्वो बसों को बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया है। लग्जरी और आरामदायक सफर का दावा करने वाली इन बसों में से पांच का संचालन सोमवार से बंद हो गया है। ये बसें देहरादून से दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे मुख्य रूट्स पर चलती थीं। अब इनका संचालन बंद होने से यात्रियों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
बिना किसी सूचना के बंद हुई वॉल्वो बसें
देहरादून से दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, कटरा और टनकपुर तक वॉल्वो बसों का संचालन होता है। उत्तराखंड परिवहन में अब तक कुल 33 वॉल्वो बसें चल रही थीं, जिनमें से 27 सिर्फ दिल्ली रूट पर थीं। लेकिन अब इनमें से पांच बसों का कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो चुका है और उन्हें निगम के बेड़े से बाहर कर दिया गया है। इनमें से चार बसें देहरादून से दिल्ली और एक बस देहरादून-पांवटा-चंडीगढ़ रूट पर थी। यही नहीं अगले महीने अगस्त की शुरुआत में दो और वॉल्वो बसों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाएगा। यानी जल्द ही 2 और बसें कम होने वाली है।
सबसे ज्यादा प्रभावित होगा दिल्ली रूट
दिल्ली रूट पर चलने वाली सभी वॉल्वो बसें नॉन-स्टॉप होती हैं और यह रूट निगम के लिए सबसे अधिक मुनाफे वाला माना जाता है। इन बसों की ऑनलाइन बुकिंग हमेशा फुल रहती है। 5 बसें कम होने के बाद अब यात्रियों को कम ऑप्शन मिलेंगे क्योंकि दिल्ली रूट की कुछ प्रमुख टाइमिंग वाली बसें बंद हो गई हैं।
दिल्ली रूट: सुबह 8:30 बजे, सुबह 10:30 बजे, सुबह 11:30 बजे, शाम 5:00 बजे वाली बसें बेड़े से बाहर हुई है।
चंडीगढ़ रूट: दोपहर 12:30 बजे वाली बस अब नहीं चलेगी।
अगस्त में हटने वाली बसें: सुबह 9:30 बजे और रात 11:30 बजे चलने वाली दो और बसें बेड़े से हट जाएंगी।
दिल्ली में लागू BS-6 नियम को लेकर आ रही समस्या
दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती के चलते केवल BS-6 मानक वाली बसों को ही संचालन की अनुमति है। निगम के पास फिलहाल केवल 12 वॉल्वो बसें BS-6 स्टैंडर्ड की है, बाकी सभी BS-4 है। पिछले साल नवंबर में भी जब BS-4 बसों पर रोक लगी थी, तब भी निगम ने नई बसों के अनुबंध का वादा किया था, लेकिन नौ महीने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
उत्तराखंड ग्रामीण डिपो के एजीएम राजीव गुप्ता के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के कारण फिलहाल पांच बसों को हटाया गया है और दो और बसें अगस्त में हटेंगी। नई वॉल्वो बसों के कॉन्ट्रैक्ट की प्रक्रिया मुख्यालय स्तर पर चल रही है। अब बसें कम होने से टिकट मिलना मुश्किल होगा और यात्रियों को यात्रा के अन्य माध्यमों की ओर रुख करना पड़ेगा।