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उत्तरकाशी में बादल फटने से हुए भूस्खलन में दो लोगों की मौत, सात के मरने की आशंका

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और पुलिस के कर्मियों सहित बचाव दल ने खोज और बचाव अभियान शुरू किया, तो उन्होंने मलबे से दो शव बरामद किए। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले 55 साल के दूजे लाल के शव, नेपाल के रहने वाले 43 साल के केवल बिष्ट को बरामद कर लिया गया

अपडेटेड Jun 29, 2025 पर 11:05 PM
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उत्तरकाशी में बादल फटने से हुए भूस्खलन में दो लोगों की मौत, सात के मरने की आशंका

उत्तरकाशी में रविवार तड़के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलाई बेंड के पास एक कैंप साइट पर बादल फटने से हुए भीषण भूस्खलन में दो मजदूरों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि सात अन्य के मारे जाने की आशंका है। यह घटना रात करीब 1 बजे, नेशनल हाईवे पर बारकोट तहसील में पालीगाड़ से करीब 5 किलोमीटर आगे हुई। भूस्खलन के समय कैंप साइट पर 29 लोग मौजूद थे। इनमें से 20 को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और पुलिस के कर्मियों सहित बचाव दल ने खोज और बचाव अभियान शुरू किया, तो उन्होंने मलबे से दो शव बरामद किए।

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले 55 साल के दूजे लाल के शव, नेपाल के रहने वाले 43 साल के केवल बिष्ट को बरामद कर लिया गया।


अभी भी लापता लोगों की पहचान नेपाल के रहने वाले 37 साल के रोशन चौधरी, 40 साल के अनवीर धामी, 60 साल के कल्लूराम चौधरी और 32 साल के मनीष धामी और देहरादून निवासी 38 साल के जयचंद उर्फ ​​बॉबी, 22 साल के छोटू, 22 साल के प्रियांश के रूप में की गई है।

उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट (DM) प्रशांत कुमार आर्य ने कहा, "सुबह करीब 3 बजे हमें सूचना मिली कि होटल के निर्माण में लगे मजदूरों के कैंपसाइट पर भूस्खलन हुआ है। कैंपसाइट पर मौजूद 29 लोगों में से 20 को बचा लिया गया। दो शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि सात अभी भी लापता हैं।"

उन्होंने बताया कि बचाव दल युद्ध स्तर पर लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। भूस्खलन के कारण नेशनल हाईवे का एक हिस्सा बह गया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क बहाली का काम करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने कहा, "हमारे आकलन के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 10 मीटर हिस्सा बह गया है। यातायात की आवाजाही को बहाल करने में हमें कुछ समय लगेगा। चार धाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जगहों पर रोक दिया गया है। उनके लिए जरूरी सप्लाई की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।"

उन्होंने कहा, "सड़क संपर्क बहाल करने के लिए पांच JCB मशीनें, पोकलेन मशीनें तैनात की गई हैं।" आर्य ने कहा, "यह एक नया भूस्खलन क्षेत्र है। यह एक सुरक्षित स्थान था..... वहां पहले ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।"

उन्होंने कहा कि अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मुक्ता मिश्रा और बड़कोट उप-मंडल मजिस्ट्रेट (SDM) बृजेश तिवारी बचाव और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

इससे पहले 23 जून को यमुनोत्री ट्रेक रूट पर 9 कैची भैरव मंदिर के पास भूस्खलन में पांच लोग दब गए थे। बचावकर्मियों ने उसी दिन मलबे से दो शव बरामद किए और एक घायल व्यक्ति को बचाया। दो लोग अभी भी लापता हैं।

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