Vadodara Clash: गुजरात के वडोदरा में कथित तौर पर एक खास समुदाय को निशाना बनाकर की गई एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद शुक्रवार (19 सितंबर) देर रात हिंसक सांप्रदायिक झड़पें हुईं। लोगों की भीड़ सिटी पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गई। वे एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगी। शुक्रवार आधी रात के करीब, वडोदरा के पानीगेट और जूनी गढ़ी इलाकों में दंगा और पथराव हुआ। सिटी पुलिस स्टेशन एरिया के नवरात्रि के पंडाल पर पथराव की भी खबर है। कई थानों की पुलिस फोर्स, क्राइम ब्रांच और आला अधिकारियों ने स्थिति को संभाल लिया। पुलिस उपद्रवियों की पहचान करने में जुटी हुई है।
शनिवार सुबह वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंगे के लिए जिम्मेदार लोगों पर मामला दर्ज करने और कथित सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ शिकायत की जांच शुरू हो गई है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जैसे ही पुलिस स्टेशन के बाहर भीड़ जमा हुई वडोदरा शहर की संयुक्त पुलिस आयुक्त लीना पाटिल मौके पर पहुंचीं। उन्होंने पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया और उन्हें तितर-बितर होने का अनुरोध किया। अधिकारी ने आश्वासन दिया कि पुलिस मामले की जांच करेगी। पाटिल ने समुदाय के नेताओं के साथ मिलकर भीड़ को शांत करने की भी कोशिश की।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा शहर पुलिस की कई टीमों ने यह सुनिश्चित करने के लिए रात भर इलाके में तलाशी अभियान चलाया कि यह घटना फिर न भड़के। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा एक्सप्रेस को बताया, "अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने कहा कि उन्हें AI से बनाए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट मिली थी जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची थी। वे बड़ी संख्या में सिटी पुलिस स्टेशन में इकट्ठा हुए और एफआईआर की मांग की। हमने उन्हें आश्वासन दिया कि हम मामले की जाँच कर रहे हैं। इस बीच, टीमें सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जिन्होंने पथराव किया और इलाके में कानून-व्यवस्था भंग की।"
जोन IV के पुलिस उपायुक्त एंड्रयू मैकवान ने शनिवार सुबह 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मैकवान ने आगे कहा, "हम दंगे के मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। हम उस सोशल मीडिया पोस्ट की शिकायत की भी जांच कर रहे हैं, जिसने एक स्थान पर घटना को जन्म दिया और फिर शहर के एक हिस्से में फैल गई।"
बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने पुलिस स्टेशन में जमकर तोड़फोड़ की। थाने के बाहर अचानक से लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। ये लोग हंगामा करने लगे। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। फिलहाल, इलाके में शांति है।