Vaishno Devi Yatra: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पर्वत पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा खराब मौसम के चलते 20वें दिन भी स्थगित रहने के बीच तीर्थयात्रियों ने रविवार (14 सितंबर) को कटरा आधार शिविर में विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस ने सुरक्षा घेरा तोड़ने और तीर्थस्थल बोर्ड के निर्देशों का उल्लंघन कर यात्रा पर जाने के उनके प्रयास को विफल कर दिया। तीर्थस्थल तक जाने वाले रूट पर भूस्खलन की घटना के बाद यात्रा 26 अगस्त को स्थगित कर दी गई थी। इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की दुखद मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।
मंदिर बोर्ड ने 14 सितंबर से यात्रा फिर से शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन शुक्रवार से पूरे रूट और गर्भगृह क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण निर्णय बदलना पड़ा। महिलाओं सहित कुछ श्रद्धालु कटरा के बाणगंगा दर्शनी गेट पर रविवार को एकत्र हुए। यहां से यात्रा की शुरुआत होती है। उन्होंने 'जय माता दी' के नारे लगाए और पहाड़ी पर स्थित मंदिर में दर्शन करने के लिए आगे बढ़ने की कोशिश की।
अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि दिन में कई घंटे तक लोगों के बार-बार प्रयास करने के बावजूद बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। उन्होंने बताया कि बाद में कड़ी मशक्कत के बाद श्रद्धालुओं को वहां से जाने के लिए राजी कर लिया गया। मध्यप्रदेश के निवासी राजीव लौधी ने एजेंसी से कहा, "मैं पिछले दो महीने से नंगे पैर चलकर कटरा पहुंचा हूं और मैं जल्द से जल्द मंदिर में प्रार्थना करना चाहता हूं।"
उन्होंने तीर्थस्थल बोर्ड से यात्रा फिर से शुरू करने का अनुरोध किया। लौधी ने कहा कि चाहे तीर्थयात्रियों को छोटे-छोटे समूहों में ही भेजना शुरू किया जाए, लेकिन यात्रा शुरू की जाए। चेन्नई के मूल निवासी विनोद कुमार ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ शुक्रवार को कटरा पहुंचे और वह खुश थे कि तीर्थयात्रा फिर से शुरू कर दी गई है।
उन्होंने कहा, "मुझे पता चला कि यात्रा फिर से स्थगित कर दी गई है, जिससे यहां मौजूद सभी लोग निराश हैं।" कुमार ने कहा, "हम जानते हैं कि उन्होंने हमारी सुरक्षा के लिए यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया है, लेकिन हम और अधिक दिन तक नहीं रुक सकते हैं।"