Ajit Pawar News: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को 'कौन पर्रिकर' वाली अपनी टिप्पणी से असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। जब एक महिला ने उन्हें बताया कि कैसे गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर नागरिक मुद्दों की पड़ताल के लिए औचक दौरे करते थे। पर्रिकर की उनके प्रशासनिक कौशल के लिए व्यापक रूप से तारीफ की जाती थी। पवार के सामने यह स्थिति तब पैदा हुई जब वह पुणे नगर निगम (PMC) के प्रमुख नवल किशोर राम और अन्य अधिकारियों के साथ शनिवार (13 सितंबर) को शहर के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे थे ताकि निवासियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा जा सके।
हडपसर विधानसभा क्षेत्र के केशव नगर के उनके दौरे के दौरान, नागरिकों ने ट्रैफिक जाम और अन्य नागरिक समस्याओं के बारे में शिकायतें कीं, जिस पर पवार ने कहा कि प्रशासन बेहतर सुविधाओं की मांग से अवगत है। संवाद के लिए देर से पहुंचने को लेकर क्षमा मांगते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस बीच, एक महिला ने अजित पवार से कहा कि वह दिवंगत पर्रिकर से प्रेरणा लें और खुद भी ट्रैफिक की समस्याओं का जायज़ा लेने के लिए अचानक दौरे करें। महिला ने कहा, "जिस तरह पर्रिकर साहब (गोवा में) अचानक दौरे करते थे, आपको या किसी और को भी ट्रैफिक के व्यस्त समय में इलाके का दौरा करना चाहिए।"
इस पर स्तब्ध हुए अजित पवार ने बीच में ही टोका, "कौन पर्रिकर?" तब महिला को कहना पड़ा कि वह पड़ोसी तटीय राज्य गोवा के दिवंगत बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर की बात कर रही है। पवार के सवाल से गुस्साई महिला ने कहा कि इलाके के लोग ट्रैफिक की समस्या से इतने परेशान हो चुके हैं कि कई लोग कहीं और जाने पर विचार कर रहे हैं।
मुंबई स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने वाले पर्रिकर तीन कार्यकाल तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अक्टूबर 2014 से मार्च 2017 तक रक्षा मंत्री रहे।
अपनी सादगी के लिए जाने जाने वाले पर्रिकर के सार्वजनिक व्यक्तित्व संबंधी कई किस्से मौजूद हैं, जैसे कि वह राज्य में स्कूटर से घूमकर मुद्दों को सीधे तौर पर समझते थे। पर्रिकर का 17 मार्च, 2019 को कैंसर से निधन हो गया था। गोवा के मोपा स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और रक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था, रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) का नाम उनके नाम पर रखा गया है।