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Valmiki Jayanti 2025: वाल्मीकि जयंती पर दिल्ली और यूपी में रहेगी छुट्टी, जानें क्या खुला रहेगा और क्या रहेगा बंद?

Valmiki Jayanti 2025 : राजधानी के ज़्यादातर सरकारी स्कूल और नगर निगम के दफ्तर भी छुट्टी पर रहेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, जहां-जहां वाल्मीकि जयंती के जुलूस या श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाती हैं खासकर उत्तर और मध्य दिल्ली के इलाकों में - वहां कई बाजार और स्थानीय दुकानें या तो बंद रह सकती हैं या सीमित समय के लिए खुलेंगी

अपडेटेड Oct 06, 2025 पर 3:47 PM
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पूरे देश में 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाएगा।

Valmiki Jayanti 2025  : पूरे देश में  7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाएगा। महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि यानी भारतीय साहित्य के प्रथम कवि और रामायण के रचयिता माना जाता है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकारों ने मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। दिल्ली में 7 अक्टूबर को सभी सरकारी दफ्तर, जिनमें दिल्ली सचिवालय भी शामिल है, बंद रहेंगे। साथ ही, इस दिन शहर में शुष्क दिवस (Dry Day) रहेगा, यानी शराब की दुकानें भी बंद रहेंगी। 

जानें दिल्ली में क्या रहेगा बंद

राजधानी के ज़्यादातर सरकारी स्कूल और नगर निगम के दफ्तर भी छुट्टी पर रहेंगे। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जहां-जहां वाल्मीकि जयंती के जुलूस या श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाती हैं  खासकर उत्तर और मध्य दिल्ली के इलाकों में - वहां कई बाजार और स्थानीय दुकानें या तो बंद रह सकती हैं या सीमित समय के लिए खुलेंगी।

उत्तर प्रदेश में भी छुट्टी का ऐलान

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घोषणा की है कि 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पूरे राज्य में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इस दिन लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी समेत कई शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, झांकियाँ और सामुदायिक भोज का आयोजन किया जाएगा। हालांकि, जरूरी सेवाएं जैसे अस्पताल, आपातकालीन सेवाएं, सार्वजनिक परिवहन और पुलिस स्टेशन पहले की तरह चालू रहेंगे। इसके अलावा, बैंकों, शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट और मनोरंजन केंद्रों को खुला रखने की अनुमति दी गई है ताकि आम लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो।


वाल्मीकि जयंती हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में आती है। इस दिन भक्त प्रार्थना करते हैं, रामायण के श्लोक पढ़ते या सुनते हैं, जुलूस निकालते हैं और महर्षि वाल्मीकि के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। यह पर्व भारत और नेपाल के कई हिस्सों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है, खासकर उन समुदायों में जो रामायण को अपनी संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा मानते हैं। इस दिन कई जगहों पर रामायण के श्लोकों का पाठ किया जाता है और रामलीला जैसे सार्वजनिक आयोजन भी होते हैं, जिनमें महर्षि वाल्मीकि की भूमिका और भगवान राम की कथा पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

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