रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 20 सितंबर को साफ किया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर (508 किलोमीटर) पर वंदे भारत ट्रेनें नहीं चलेंगी। ठाणे में मीडिया से बात करते हुए, जहां बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की 21 किलोमीटर लंबी टनल का एक अहम हिस्सा पूरा होने का जश्न मनाया गया, मंत्री ने कहा कि वंदे भारत और बुलेट ट्रेन- दोनों की तकनीक बिल्कुल अलग है। वैष्णव ने कहा, “बुलेट ट्रेन और वंदे भारत ट्रेनें अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर चलती हैं।” इससे मीडिया में चल रही उन खबरों पर विराम लग गया, जिनमें कहा जा रहा था कि वंदे भारत का हाई-स्पीड वर्जन मुंबई-अहमदाबाद रूट पर दौड़ सकता है।
दरअसल सितंबर 2024 में रेलवे मंत्रालय ने BEML (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) को 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली नई वंदे भारत ट्रेन डिजाइन और बनाने की जिम्मेदारी दी थी। तभी से यह कयास लग रहे थे कि देश में सिर्फ मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर ही ऐसी हाई-स्पीड ट्रेन के लिए बना है, इसलिए यह ट्रेन यहीं चलेगी।
लेकिन वैष्णव ने साफ किया कि मुंबई-अहमदाबाद रूट पर सिर्फ जापान की E5 सीरीज शिंकान्सेन ट्रेन (E-10 मॉडल) ही चलेगी, जिसे भारत-जापान समझौते के तहत मंगाया जाएगा।
उन्होंने बताया, “जापान की टीम, जिसमें उनके उप-मंत्री भी थे, हाल ही में दिल्ली आई थी और उन्होंने प्रोजेक्ट की प्रगति देखकर खुशी जताई।”
टनल निर्माण क्षेत्र के पास रहने वाले लोगों की शिकायतों पर भी वैष्णव ने जवाब दिया। कई घरों में दरारें पड़ने की खबरों पर उन्होंने कहा कि IIT के विशेषज्ञों की मदद से पूरा सर्वे कराया गया है, ताकि यह पता चले कि तकनीक में और क्या सुधार की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि 78 ऐसे घरों की स्वतंत्र जांच कराई गई है, जहां दीवारों में दरारें देखी गईं। उन्होंने, “विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि प्रोजेक्ट से 30 मीटर के दायरे में बने घरों के लिए कुछ खास सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।”
वैष्णव ने यह भी बताया कि स्थानीय लोगों को निर्माण के दौरान सुरक्षा के नियम और सावधानियों की सही जानकारी देने के लिए एक मानक दस्तावेज (स्टैंडर्ड डॉक्यूमेंट) तैयार किया जा रहा है। यह दस्तावेज महाराष्ट्र और गुजरात सरकारों को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा ताकि आगे इसे लागू किया जा सके।