Vice Presidential Elections 2025: ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने घोषणा की है कि उसके सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता वाली BJD ने सोमवार (8 सितंबर) को कहा कि उसने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और कांग्रेस की अगुवाई वाली ‘इंडिया’ गठबंधन दोनों से समान दूरी बनाए रखने की अपनी नीति के तहत यह निर्णय लिया है। उपराष्ट्रपति चुनाव मंगलवार 9 सितंबर को होंगे।
BJP सांसद सस्मित पात्रा ने पत्रकारों को बताया, "बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने फैसला किया है कि पार्टी के सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) के सदस्यों और सांसदों से परामर्श के बाद यह फैसला लिया।"
पात्रा ने कहा कि BJD, NDA और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) दोनों से समान दूरी बनाए रखता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पात्रा ने आगे कहा, "हमारा पूरा ध्यान राज्य और उसके 4.5 करोड़ लोगों के विकास पर है।" इसके अलावा तेलंगाना की प्रमुख विपक्षी पार्टी BRS ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बना ली है।
लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मंगलवार 9 सितंबर को अपने वोट के माध्यम से यह फैसला करेंगे कि सी. पी. राधाकृष्णन और बी. सुदर्शन रेड्डी में से देश का अगला उप राष्ट्रपति कौन होगा। राधाकृष्णन, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार हैं, जिनका सीधा मुकाबला विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी से है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान मंगलवार 9 सितंबर को सुबह 10 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे समाप्त होगा। मंगलवार देर शाम तक नतीजे घोषित होने की उम्मीद है। देश के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें खाली हैं), तथा 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट खाली है) शामिल हैं।
विभिन्न दलों द्वारा दिए गए समर्थन को आधार बनाकर आंकड़ों के लिहाज से देखें तो NDA उम्मीदवार का पलड़ा भारी है। हालांकि विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी बार-बार यह कहकर अपनी दावेदारी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं कि लड़ाई वैचारिक है तथा यह मतदान सिर्फ उप राष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं है, बल्कि भारत की भावना के लिए है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक बैठक में राधाकृष्णन की सादगी भरी जीवनशैली और विभिन्न पदों पर रहते हुए जनसेवा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन को खेलों में काफी रुचि हो सकती है लेकिन वह राजनीति में खेल नहीं खेलते।