Akashteer Air Defence System : भारतीय सेना द्वारा आतंकियों पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की रात भारत पर पलटवार किया था। पाकिस्तान के मिसाइलों और ड्रोन को भारतीय के एयर डिफेंस सिस्टम ने खिलौना बना दिया था। पाकिस्तान ने भारत के 26 जगहों का निशाना बनाया था पर उनसे सारे मिसाइल और ड्रोन फुस्स साबित हुए। पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन को बौना साबित करने में भारत का खास एयर डिफेंस सिस्टम 'आकाशतीर' भी शामिल है। 'आकाशतीर' को एक मजबूत और भरोसेमंद सुरक्षा कवच यानी 'आयरन डोम' जैसा माना जाता है।
भारत के 'आकाशतीर' की ताकत
बता दें कि 'आकाशतीर' भारत के अपनी तकनीक से बनी एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI से संचालित होती है। इसे डीआरडीओ, इसरो और बीईएल ने मिलकर तैयार किया है। आकाशतीर भारत की सुरक्षा के लिए एक मजबूत और भरोसेमंद तकनीक साबित हो रही है। आकाशतीर ने ही पाकिस्तान के सभी ड्रोनों, मिसाइलों, छोटे यूएवी और दूसरे हथियारों को भारतीय हवाई सीमा में घुसने से रोक दिया। इस तकनीक की वजह से दुश्मन की कोई भी कोशिश सफल नहीं हो पाई।
अब सवाल उठता है कि आकाशतीर ने कैसे इसने पाकिस्तान के भारत पर बार-बार हमले करने की कोशिशों को नाकाम कर दिया। आकाशतीर पूरी तरह से स्वदेशी और बिना किसी विदेशी तकनीक या सैटेलाइट पर निर्भरता के तैयार किया गया यह पहला एआई आधारित वॉर-क्लाउड सिस्टम है।
हवा में मार गिराए पाकिस्तानी मिसाइल-ड्रोन
जानकारी के मुताबिक पूरी तरह से एआई पर आधारित ऑटोनोमस डिफेंस सिस्टम 'आकाशतीर' ने रियल टाइम में दुश्मन के लक्ष्यों को रोकने में सफलता पाई और ड्रोन युद्ध में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। वहीं पाकिस्तान की एयर डिफेंस सिस्टम, जिसमें HQ-9 और HQ-16 शामिल हैं, भारतीय हमलों को पहचानने और समय पर रोकने में नाकाम रही, जिससे उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा।
एयर डिफेंस सिस्टम 'आकाशतीर' सभी जरूरी हिस्सों जैसे कंट्रोल रूम, रडार और एयर डिफेंस गन को एकसाथ जोड़ती है और एक ही समय में एक साझा हवाई तस्वीर दिखाती है। इससे दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को पहचानने, ट्रैक करने और निशाना बनाने में मदद मिलती है। यह प्रणाली अलग-अलग रडार, सेंसर और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी को एक साथ जोड़कर एक मजबूत और इंटिग्रेटेड डिफेंस सिस्टम बनाती है।
आकाशतीर कई सोर्स से डेटा इकट्ठा करता है, उसे प्रोसेस करता है और फिर खुद ही तुरंत और सही फैसले ले सकता है। यह सिस्टम C4ISR जैसे बड़े ढांचे का हिस्सा है, जिसमें कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर, खुफिया जानकारी, निगरानी और खोज शामिल हैं। आकाशतीर इसरो के सैटेलाइट और NAVIC GPS जैसी भारतीय तकनीकों के साथ मिलकर काम करता है, जिससे यह और ज्यादा ताकतवर और सटीक बनता है।
आकाशतीर की खासियत इसकी सेंसिबल कॉम्बेट सिस्टम है। जहां आम एयर डिफेंस सिस्टम ज़्यादातर ज़मीन पर लगे रडार, इंसानी निगरानी और लंबी प्रक्रिया वाली मिसाइल प्रणाली पर निर्भर होते हैं, वहीं आकाशतीर नई तकनीक से लैस है। यह कम ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्र की निगरानी और ज़मीन से चलने वाले हथियारों को सही समय पर कंट्रोल करने में मदद करता है। जानकारी के मुताबिक, यह सिस्टम बिना रडार से पहचान में आए दुश्मन के ड्रोन को रोकने में सक्षम है। इसमें पूरी तरह से स्टील्थ ट्रैकिंग, सैटेलाइट से निगरानी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फैसले शामिल हैं।