इथियोपिया ज्वालामुखी की राख दिल्ली के आसमान से कब होगी साफ? फ्लाइट में देरी के बीच IMD ने दी बड़ी जानकारी

IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि राख के दिखने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि यह बहुत ऊंचाई पर है और दिल्ली के पॉल्यूशन लेवल से काफी ऊपर घूम रहा है। उन्होंने कहा कि, इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी से उठी राख भारत के ऊपर तक पहुंच जरूर गई है, लेकिन इसका असर केवल ऊपरी ट्रोपोस्फीयर में देखा जा रहा है

अपडेटेड Nov 25, 2025 पर 2:53 PM
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भारत से गुजर रही है इथोपिया में फटे ज्वालामुखी की राख

इथियोपिया में हुए ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से बना राख का बादल दिल्ली तक पहुंच गया है, जिससे एयर पॉल्यूशन को लेकर चिंता बढ़ी है। लेकिन भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि यह बादल ज्यादा देर भारत में नहीं रहेगा और मंगलवार शाम 7:30 बजे तक पूरी तरह देश से बाहर निकल जाएगा

IMD ने दी ये जानकारी

IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि राख के दिखने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि यह बहुत ऊंचाई पर है और दिल्ली के पॉल्यूशन लेवल से काफी ऊपर घूम रहा है। उन्होंने कहा कि, इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी से उठी राख भारत के ऊपर तक पहुंच जरूर गई है, लेकिन इसका असर केवल ऊपरी ट्रोपोस्फीयर में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह राख सिर्फ ऊचाई पर मौजूद है, इसलिए इसका हवा की गुणवत्ता या भारत के मौसम पर कोई असर नहीं पड़ रहा। हा, फ्लाइट ऑपरेशन पर इसका असर दिख रहा है, क्योंकि विमान इसी ऊचाई पर उड़ते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि अनुमान के मुताबिक यह राख शाम तक पूरी तरह चीन की दिशा में आगे बढ़ जाएगी।

हालांकि ज्वालामुखी की राख का असर कम है, फिर भी दिल्ली की हवा की हालत खराब बनी हुई है। मंगलवार सुबह इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आसपास घना स्मॉग दिखाई दिया। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 328 दर्ज किया गया, जिसे सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा है।

एविएशन सेफ्टी पर सबसे बड़ा खतरा


हालांकि ज्वालामुखी की राख से भारत की हवा की गुणवत्ता पर कोई खास असर नहीं पड़ा है, लेकिन हवाई यात्रा की सुरक्षा पर बड़ा खतरा बन गया है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी से उठी राख भारतीय हवाई क्षेत्र की तरफ बढ़ रही है। इसके बाद डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (DGCA) ने सोमवार को तुरंत अलर्ट जारी किया।

इस राख के कारण कई फ्लाइटें- खासकर भारत और गल्फ देशों के बीच चलने वाली

  • लेट हुईं,
  • उनके रूट बदले गए, या
  • उन्हें रद्द करना पड़ा।

DGCA ने सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि राख वाले क्षेत्रों से पूरी तरह दूर रहें, फ्लाइट के रास्ते सुरक्षित ज़ोन में शिफ्ट करें, और रियल-टाइम अपडेट के हिसाब से फ्यूल प्लानिंग करें। विशेषज्ञों ने कहा कि भले ही यह राख भारत की हवा को ज़्यादा प्रदूषित नहीं करेगी, लेकिन सल्फर डाइऑक्साइड (SO) का बढ़ा स्तर ऊँचे इलाकोंजैसे नेपाल, हिमालयी क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के तराई ज़ोनपर हल्का असर डाल सकता है।

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