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'महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने से नहीं रोका गया': अफगान विदेश मंत्री ने दी सफाई

Amir Khan Muttaqi PC: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने 10 अक्टूबर को अपनी ब्रीफ़िंग से महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर हुए विरोध के बाद रविवार (12 अक्टूबर) को नई दिल्ली में दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विवाद के बाद रविवार को महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एंट्री दी गई

अपडेटेड Oct 12, 2025 पर 4:51 PM
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Amir Khan Muttaqi PC: अफगान विदेश मंत्री ने महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति को 'तकनीकी मुद्दा' बताया

Amir Khan Muttaqi PC: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने रविवार (12 अक्टूबर) को महिला पत्रकारों को दो दिन पहले हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित न किए जाने पर सफाई दी। मुत्तकी ने शुक्रवार को हुई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक तकनीकी मुद्दा था। मुत्तकी ने यह बात नई दिल्ली में तीन दिनों में रविवार को दूसरे प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही, जिसमें कई महिला पत्रकारों ने भाग लिया। शुक्रवार को उनकी प्रेस वार्ता से पहले कुछ खास पत्रकारों को ही निमंत्रण भेजे गए थे। महिला पत्रकारों ने दावा किया कि उन्हें इसमें एंट्री नहीं दिया गया। 

इसके बाद अफगानिस्तान दूतावास में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की व्यापक आलोचना हुई। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में महिला पत्रकारों को शामिल न करने के लिए भारत के विपक्षी दलों और पत्रकारों की ओर से अफगान विदेश मंत्री की कड़ी आलोचना की गई थी। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने 10 अक्टूबर को अपनी ब्रीफिंग से महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर हुए विरोध के बाद रविवार को नई दिल्ली में दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विवाद के बाद रविवार को महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एंट्री दी गई।

विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने इस पर सफाई देते हुए कहा, "किसी का हक जाया नहीं हो सकता चाहे मर्द हो या औरत... प्रेस कॉन्फ्रेंस बहुत कम समय में आयोजित की गई थी। पत्रकारों की सूची तकनीकी कारणों से सीमित रखी गई थी। यह सिर्फ एक व्यवस्थागत मामला था। इसके पीछे कोई और मंशा नहीं थी।"


मीडिया संगठनों ने अफगान दूतावास में मुत्तकी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति न दिए जाने की शनिवार को निंदा की। 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' और 'इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प्स' ने वियना संधि के तहत राजनयिक विशेषाधिकार का हवाला देते हुए इस कदम को अत्यधिक भेदभावपूर्ण बताया। साथ ही कहा कि इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता।

बयान में 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' ने कहा, "हालांकि, राजनयिक परिसर वियना संधि के तहत सुरक्षा का दावा कर सकते हैं, लेकिन इससे भारतीय धरती पर प्रेस की पहुंच में स्पष्ट जेंडर भेदभाव को उचित नहीं ठहराया जा सकता।"

गिल्ड ने कहा, "विदेश मंत्रालय ने इस कार्यक्रम का समन्वय किया हो या नहीं, यह बेहद चिंताजनक है कि इस तरह के भेदभावपूर्ण बहिष्कार को बिना किसी आपत्ति के लागू करने की अनुमति दी गई।"

वहीं, आईडब्ल्यूपीसी ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले को अफगान दूतावास के समक्ष उठाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में मीडिया ब्रीफिंग में जेंडर-आधारित बहिष्कार की ऐसी घटना न घटे।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। बाद में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया था, जिसमें महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति कथित तौर पर नहीं थी।

इस दौरान मुत्तकी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ अपने संघर्ष का अफगानिस्तान शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। लेकिन यदि प्रयास सफल नहीं होते हैं तो उसके पास अन्य विकल्प भी हैं।

अफगान दूतावास में प्रेस वार्ता के दौरान मुत्तकी की यह टिप्पणी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई। पाकिस्तान ने गुरुवार को काबुल में हवाई हमले किए थे। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच शनिवार को झड़पें हुईं।

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मुत्तकी ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, "हम स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, लेकिन यदि शांति प्रयास सफल नहीं होते हैं, तो हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं।"

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