Zubeen Garg Death Case: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि मशहूर सिंगर जुबीन गर्ग की मौत हादसा नहीं, बल्कि हत्या थी। सीएम ने कहा कि एक आरोपी ने सिंगर की जान ली। जबकि अन्य लोगों ने हत्या में उसकी मदद की। 52 साल के सिंगर और कंपोजर की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मौत हो गई थी।
मुख्यमंत्री सरमा ने यह बात असम विधनसभा के विंटर सेशन के दौरान कही। सीएम ने मंगलवार (25 नवंबर) को विधानसभा में कहा कि गायक जुबिन गर्ग की सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय हुई मौत 'स्पष्ट तौर पर हत्या' का मामला है।
गर्ग की मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने मामले में हत्या की धाराएं भी जोड़ दी हैं। सरमा ने असम विधानसभा में गायक जुबीन गर्ग की मौत के मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्ष द्वारा लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा पर यह बात कही ।
कार्य स्थगन प्रस्ताव को मुख्यमंत्री सरमा के अनुरोध पर विधानसभा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था। सरमा ने कहा, "प्रारंभिक जांच के बाद असम पुलिस को यकीन हो गया था कि यह गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं है बल्कि यह स्पष्ट तौर पर हत्या है।"
उन्होंने कहा, "इसीलिए, उनकी मौत के तीन दिन के भीतर ही मामले में बीएनएस की धारा 103 जोड़ दी गई।" CM ने बताया कि राज्य पुलिस की सीआईडी के तहत गठित एसआईटी ने अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। 252 गवाहों से पूछताछ की है और 29 वस्तुएं जब्त की हैं।
सीएम ने दावा किया, "एक आरोपी ने गर्ग की हत्या की और अन्य ने उसकी मदद की। हत्या के मामले में चार .पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।" उन्होंने कहा, "दिसंबर में हत्या के मामले में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद, जांच का दायरा बढ़ाकर लापरवाही, आपराधिक विश्वासघात और अन्य पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा।"
शर्मा राज्य के गृह मंत्री भी हैं। उन्होंने दावा किया कि एसआईटी एक ठोस आरोपपत्र दाखिल करेगी और अपराध के पीछे का मकसद राज्य के लोगों को झकझोर देगा। जुबीन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मौत हो गई थी।
जुबीन गर्ग की मौत की जांच कर रहे एक सदस्यीय आयोग ने बयान दर्ज करने और साक्ष्य पेश करने की तारीख 12 दिसंबर तक बढ़ा दी है। जस्टिस सौमित्र सैकिया की अध्यक्षता में गठित आयोग ने तीन नवंबर से घटना के संबंध में बयान दर्ज करना और साक्ष्य प्राप्त करना शुरू कर दिया था। आयोग के सदस्य सचिव अरूप पाठक ने बताया कि पहले आखिरी तारीख 21 नवंबर थी। लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है।