भारत में फल सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। यहां आपको हर सीजन में कई तरह के फल आसानी से मिल जाते हैं, चाहे वो देसी हों या विदेशी। हर फल की अपनी खासियत और स्वाद होता है, और इनका सेवन शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है। फलों में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के साथ-साथ पाचन और हृदय स्वास्थ्य में भी मदद करते हैं। इसके अलावा, फल हृदय रोग, डायबिटीज और अन्य क्रोनिक बीमारियों के खतरे को कम करने में भी सहायक होते हैं।
भारत में प्रत्येक फल का एक खास सीजन होता है, जैसे कि मौसमी फलों में आम, अमरूद, संतरा, अनार और कई अन्य। सही समय पर ताजे फल खरीदना और उन्हें सही तरीके से सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है।
अमरूद का सीजन और चुनने की मुश्किलें
इन दिनों बाजार में अमरूद का सीजन चल रहा है। अलग-अलग वैरायटी और आकार के अमरूद उपलब्ध हैं। लेकिन अक्सर दुकानदार फल चखाने की अनुमति नहीं देते। ऊपर से साफ दिखने वाले अमरूद भी अंदर से खराब हो सकते हैं। सही और मीठे अमरूद चुनने के लिए कुछ आसान टिप्स को ध्यान में रखना जरूरी है।
अमरूद खरीदते समय उसके रंग पर ध्यान दें। मीठा अमरूद पीला होता है, जबकि खट्टा अमरूद हरे रंग का होता है। अगर फल का रंग हरा और पीला मिश्रित है, तो अंदरूनी खराबी हो सकती है। हरा अमरूद भी कुछ दिनों में पककर मीठा हो जाता है।
फल की महक से ये पता लगाया जा सकता है कि वो खाने लायक है या नहीं। मीठे अमरूद की सौंधी और नेचुरल महक होती है। यदि फल महक नहीं रहा, तो अंदर से कच्चा या बेकार हो सकता है।
अमरूद की वैरायटी के अनुसार उसका आकार और वजन अलग होता है। कम या नॉर्मल वजन वाले अमरूद खरीदना सही रहता है। बहुत बड़े या भारी अमरूद में बीज कड़क हो सकते हैं और मिठास भी कम हो सकती है।
दाग-धब्बे और कड़कपन से बचें
फल को हाथ में लेकर देखें। नरम अमरूद अंदर से मीठा होगा, लेकिन ऐसे फलों में कीड़े लगने की संभावना होती है। दाग, धब्बे या खुरदरे अमरूद खरीदने से बचें। घर लाकर फलों को धोकर ही खाएं, क्योंकि इन पर कीड़े मारने वाले स्प्रे या फर्टिलाइजर लगे हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।