किचन सिंक में सबसे ज्यादा समस्या तब होती है जब ग्रीस, साबुन की परत और कॉफी के दाने पाइप में जम जाते हैं। खाना बनाने और बर्तन धोने के दौरान छोटी-छोटी फूड पार्टिकल्स इन परतों के साथ चिपक जाती हैं और धीरे-धीरे पाइप के अंदर एक मोटी परत बना देती हैं। इससे पानी धीरे-धीरे बहने लगता है और कभी-कभी पूरी तरह जाम भी हो जाता है। ज्यादातर लोग तब तक इंतजार करते हैं जब तक सिंक में पानी जमा न हो जाए, लेकिन तब जाम हटाना मुश्किल और महंगा हो जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, घरेलू नालियों में लगभग 60 प्रतिशत जाम इसी वजह से होते हैं।
अगर समय पर सफाई और रोकथाम की जाए तो पाइप लंबे समय तक सही और साफ रह सकते हैं। इसलिए ग्रीस और फूड पार्टिकल्स के जमाव को रोकने के लिए नियमित और आसान घरेलू उपाय अपनाना बहुत जरूरी है।
अधिकतर लोग तब तक इंतजार करते हैं जब तक पानी प्लगहोल के चारों ओर जमा न हो जाए। उस समय रोकथाम काम नहीं करती और रासायनिक उपाय महंगे और पुराने पाइप के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
ज्यादातर किचन धीमी नालियां सिर्फ फैट और डिटर्जेंट की पतली परत से शुरू होती हैं। इसे जल्दी ठीक किया जाए, तो जाम कभी नहीं बनता।
गरम पानी में मोटा नमक घोलकर पाइप की दीवारों को बिना झाग और गंध के साफ किया जा सकता है। नमक के क्रिस्टल हल्के घिसाव का काम करते हैं और गर्मी फैट को नरम कर देती है। इससे जमा हुआ ग्रीस नीचे बह जाता है।
हल्के रखरखाव के लिए खाना बनाने के बाद आधा गिलास गरम नमक का पानी डालना पर्याप्त है।
सिरका और बेकिंग सोडा मिलाकर झाग बनाते हैं, लेकिन यह नियमित सफाई के लिए ज्यादा कारगर नहीं। यह सिर्फ ढीले कचरे को उठाता है।
सिरके का उपयोग गर्म नमक के बाद थोड़े ग्रीस हटाने और बदबू रोकने के लिए किया जा सकता है। 10 मिनट बैठने दें और फिर गुनगुना पानी बहाएं। हाल ही में ब्लीच का इस्तेमाल किया हो तो सिरका न डालें।
घर के उपाय जो काम नहीं करते
बाल, टूथपिक, प्लास्टिक के टुकड़े या फल के छिलके जैसी ठोस चीजें प्राकृतिक उपायों से नहीं हटती। गंभीर जाम का लगभग 40% हिस्सा इसी वजह से होता है।
साफ-सुथरी और पर्यावरण के अनुकूल नाली
ज्यादातर ड्रेन क्लीनर अल्कलाइन एजेंट पर निर्भर करते हैं। ये रबर सील्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं और जल प्रणाली पर लोड बढ़ाते हैं। घरेलू तरीके अपनाकर करीब 70% तक रासायनिक प्रभाव कम किया जा सकता है।
ग्रीस ठंडा होते ही जमता है। खाना बनाने के बाद गर्म पानी चलाएं और नमक का पानी डालें। रात का समय अच्छा है क्योंकि नालियां स्थिर रहती हैं।
मोटा नमक बहुत सस्ता है। 1 लीटर गरम पानी में खर्च नगण्य है। ये रासायनिक क्लीनर या इमरजेंसी कॉल के मुकाबले सालभर में काफी पैसे और पाइप की उम्र बचा सकता है।