शारदीय नवरात्रि 2025 का तीसरा दिन शुरू हो चुका है और भक्त अपने व्रत में पूरी निष्ठा से जुटे हैं। नवरात्रि के नौ पावन दिनों में कुट्टू के आटे से बनी डिशें बनाना और खाना न केवल परंपरा है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है। स्वाद में जितना लाजवाब यह आटा है, स्वास्थ्य के लिहाज से उतना ही फायदेमंद भी। लेकिन इस मौके का गलत फायदा उठाने वाले कुछ व्यापारी मिलावटी कुट्टू बाजार में बेचने लगते हैं। इस तरह का आटा खाने से पेट दर्द, उल्टी, दस्त और बुखार जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
इसलिए जरूरी है कि आप केवल फ्रेश, भरोसेमंद और ब्रांडेड कुट्टू का चुनाव करें। खुशबू, रंग, बनावट और पैकिंग देखकर असली कुट्टू पहचाना जा सकता है। इस नवरात्रि में स्वाद और सेहत दोनों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
खुशबू से पहचानें असली कुट्टू
असली कुट्टू के आटे में हल्की मिट्टी जैसी ताजगी भरी खुशबू आती है। वहीं, पुराने या मिलावटी आटे में खट्टी और बासी गंध होती है। किसी भी पैकेट को खरीदने से पहले इसकी खुशबू जरूर महसूस करें।
असली कुट्टू का आटा हल्का भूरा रंग का होता है। अगर आटा बहुत ही फीका या झिल्ला सा लगे, तो ये मिलावटी हो सकता है। रंग देखकर ही आप आटे की क्वालिटी का अंदाजा लगा सकते हैं।
हाथ से छूकर भी आप असली और मिलावटी कुट्टू का अंतर जान सकते हैं। असली कुट्टू हल्का दानेदार और रुखा होता है, जबकि मिलावटी आटा महीन और चिकना महसूस होता है।
ब्रांडेड और सील पैक चुनें
हमेशा ब्रांडेड और सील पैक कुट्टू का आटा ही खरीदें। पैकेट पर लिखी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें। इससे आप मिलावटी उत्पादों से बच सकते हैं।
एक गिलास पानी में थोड़ी मात्रा में कुट्टू का आटा डालें। अगर आटा असली है तो ये पानी में तैरते हुए धीरे-धीरे घुलेगा। वहीं मिलावटी कुट्टू तुरंत पानी के नीचे बैठ जाएगा। ये आसान टेस्ट घर पर भी किया जा सकता है।