स्नेक प्लांट इन दिनों सबसे पॉपुलर इनडोर प्लांट्स हो गया है। इसे सेंसिवेरिया या ‘मदर-इन-लॉज टंग’ भी कहा जाता है। यह पौधा न सिर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाता है, बल्कि हवा को शुद्ध करने में भी बेहद असरदार है। NASA की रिपोर्ट के अनुसार, स्नेक प्लांट हवा से फॉर्मलडिहाइड और टोल्यून जैसी हानिकारक गैसों को हटाने में मदद करता है। इसकी देखभाल बेहद आसान है, जिससे यह बिजी लाइफस्टाइल वालों के लिए भी आदर्श है।
कटिंग से लगाना: स्नेक प्लांट को कटिंग से आसानी से लगाया जा सकता है। इसके लिए 4-5 इंच लंबी हेल्दी पत्ती की कटिंग लें और इसे हल्की, भुरभुरी मिट्टी में 1-2 इंच गहराई में लगा दें। मिट्टी में 20% गोबर खाद या ऑर्गेनिक कंपोस्ट मिलाएं ताकि पौधे को पोषण मिले।
गमले का चयन: स्नेक प्लांट के लिए ऐसे गमले का इस्तेमाल करें जिसके तले में पानी निकलने की जगह हो। इससे जड़ों में पानी नहीं रुकेगा और फंगस का खतरा कम होगा।
समय: इसे मार्च से अगस्त (गर्मियों और बरसात) के दौरान लगाना सबसे अच्छा रहता है, क्योंकि इस मौसम में इसकी ग्रोथ सबसे तेज होती है।
पानी देना: स्नेक प्लांट को बहुत कम पानी की जरूरत होती है। गर्मियों में 10-15 दिन में एक बार और सर्दियों में महीने में एक बार पानी देना काफी है। ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं।
धूप और रोशनी: यह पौधा कम रोशनी में भी जीवित रहता है, लेकिन हल्की धूप या इनडायरेक्ट लाइट में रखने से इसकी ग्रोथ बेहतर होती है। महीने में 2-3 दिन हल्की धूप में रखें।
मिट्टी और खाद: हल्की, भुरभुरी और जलनिकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त है। हर 3-4 महीने में एक बार फ्रेश चायपत्ती या ऑर्गेनिक खाद डालें, इससे ग्रोथ तेज होगी।
पत्तों की सफाई: पत्तियों पर धूल जमने से पौधा सांस नहीं ले पाता। हल्के गीले कपड़े से पत्तों को समय-समय पर पोंछें।
फंगस और कीट से बचाव: ओवर वॉटरिंग से फंगस लग सकता है। पत्तियों पर कीड़ा दिखे तो नीम का तेल छिड़कें या सूखे पत्ते हटा दें।
एयर प्यूरीफायर: यह पौधा रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है और हवा को ताजा रखता है।
लो मेंटेनेंस: कम देखभाल में भी यह सालों तक हरा-भरा रहता है।
वास्तु अनुसार: स्नेक प्लांट को स्टडी टेबल या कमरे के पूर्व/दक्षिण-पूर्व कोने में रखने से सकारात्मक ऊर्जा और एकाग्रता बढ़ती है।