जींस आज हर किसी की अलमारी का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है, चाहे वो पुरुष हों या महिलाएं। इसकी खासियत न केवल आरामदायक फिट और टिकाऊ बनावट में है, बल्कि ये पहनने वाले को एक स्टाइलिश और फैशनेबल लुक भी प्रदान करती है। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि हर जींस की दाहिनी तरफ एक छोटी सी पॉकेट होती है, जो अक्सर नजरअंदाज कर दी जाती है? ये पॉकेट आकार में इतनी छोटी होती है कि ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल भी नहीं करते। फिर भी यह पॉकेट जींस के डिज़ाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके पीछे एक दिलचस्प इतिहास छुपा हुआ है।
इस पॉकेट को अक्सर वॉच पॉकेट भी कहा जाता है, जिसका मकसद सिर्फ छोटे सामान को रखना नहीं, बल्कि पुराने जमाने की एक खास जरूरत को पूरा करना था। आइए, जानते हैं इस छोटी पॉकेट के पीछे की कहानी और इसका आज के फैशन में महत्व।
19वीं सदी में शुरू हुई थी जींस और वॉच पॉकेट की कहानी
जींस का इतिहास 1800 के दशक से जुड़ा है, जब इसे खास तौर पर मजदूर वर्ग के लिए डिजाइन किया गया था। उस दौर में लोग पॉकेट वॉच यानी छोटी घड़ी रखते थे, जिन्हें हाथ पर बांधने का चलन नहीं था। इन घड़ियों में बेल्ट नहीं होती थी और अगर इन्हें सामान्य जेब में रखा जाता तो टूटने का डर बना रहता था। इसलिए जींस के डिजाइन में एक अलग से छोटी पॉकेट जोड़ी गई, जिसमें मजदूर अपनी पॉकेट वॉच को सुरक्षित रख सकें। तभी से इसे "वॉच पॉकेट" के नाम से जाना जाने लगा।
आज की दुनिया में कोई अपनी घड़ी जेब में नहीं रखता, फिर भी ये छोटी पॉकेट हर स्टाइल की जींस का हिस्सा बनी हुई है। समय के साथ इस जेब को अलग-अलग नामों से पुकारा जाने लगा — जैसे कॉइन पॉकेट, फ्रंटियर पॉकेट, मैच पॉकेट और टिकट पॉकेट। हर नाम अपने-आप में इस जेब के अलग-अलग उपयोग को दर्शाता है। कई लोग इसमें छोटे सिक्के, चाबियां या रिंग जैसे छोटे आइटम रखते हैं।
आज की जींस में क्यों बरकरार है ये छोटी जेब?
हालांकि इस पॉकेट का उपयोग अब सीमित हो गया है, फिर भी फैशन इंडस्ट्री ने इसे पूरी तरह से हटाया नहीं है। इसका कारण है कि ये पॉकेट जींस के क्लासिक डिजाइन का एक हिस्सा बन चुकी है। कुछ ब्रांड्स अब इस पॉकेट को थोड़ा बड़ा बनाकर इसे अधिक उपयोगी भी बना रहे हैं। साथ ही, ये फैशन और विंटेज लुक का भी एक अहम हिस्सा मानी जाती है।
तो अगली बार जब आप अपनी जींस पहनें और उसमें लगी उस छोटी सी जेब को देखें, तो जान लें कि इसका इतिहास सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। ये सिर्फ एक डिजाइन एलिमेंट नहीं, बल्कि एक ऐसी चीज है जो अतीत की जरूरतों और आज की स्टाइल को जोड़ती है।