Assembly Elections 2023: केंद्र सरकार ने पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) से पहले, ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ (Electoral Bond) जारी करने के 29वें चरण को मंजूरी दे दी है। इसकी बिक्री छह नवंबर से शुरू हो जाएगी। राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश (MP), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), तेलंगाना (Telangana) और मिजोरम (Mizoram) में विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार जारी रहने के बीच यह निर्णय लिया गया है। इन राज्यों में सात से 30 नवंबर तक चुनाव होने वाले हैं। मतगणना तीन दिसंबर को होगी।
राजनीतिक दलों के वित्त पोषण में पारदर्शिता लाने के तहत पार्टियों को नकद चंदे के विकल्प के तौर पर लाई गई इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को 2018 में अधिसूचित किया गया था।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार ने बिक्री के 29वें चरण में, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिये छह से 20 नवंबर 2023 तक इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने एवं उन्हें नकदी में परिवर्तित करने के लिए अधिकृत किया है।’’
इलेक्टोरल बॉन्ड के पहले चरण की बिक्री मार्च 2018 में की गई थी।
इलेक्टोरल बॉन्ड को एक पात्र राजनीतिक दल केवल अधिकृत बैंक में अपने खाते के जरिये ही नकदी में परिवर्तित करा सकता है। इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने के लिए एसबीआई एकमात्र अधिकृत बैंक है।
एसबीआई की ये अधिकृत शाखाएं बेंगलुरु, लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नयी दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई में हैं।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड इसे जारी किये जाने की तारीख से 15 दिनों तक वैध होगा और यदि बॉण्ड को वैधता अवधि समाप्त होने के बाद जमा किया जाता है, तो कोई भी भुगतान किसी भी प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल को नहीं किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘पात्र राजनीतिक दल द्वारा अपने खाते में जमा किया गया इलेक्टोरल बॉन्ड उसी दिन उसके खाते में चला जाएगा।’’
इलेक्टोरल बॉन्ड की भारतीय नागरिकों या देश में पंजीकृत या स्थापित कंपनी द्वारा खरीद की जा सकती है।
मंत्रालय के अनुसार, पिछले लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों में कुल पड़े मतों से एक प्रतिशत से कम वोट नहीं हासिल करने वाले पंजीकृत राजनीतिक दल इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा पाने के लिए पात्र हैं।