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AAP नेता सत्येंद्र जैन की बढ़ेगी मुश्किलें! इस मामले में CBI को मिली केस चलाने की मंजूरी

Disproportionate Assets Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का आरोप है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 के बीच एक लोक सेवक के रूप में काम करते हुए अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 1.62 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की

अपडेटेड Jan 13, 2025 पर 6:31 PM
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Disproportionate Assets Case: CBI ने इस मामले में 4 जनवरी को एक पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया था

Delhi Assembly Election 2025: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (DA) के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी हासिल कर ली है। CBI ने दिल्ली की एक अदालत को सोमवार (13 जनवरी) को बताया किया कि उसने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी हासिल कर ली है। सीबीआई ने विशेष जज जितेंद्र सिंह को यह जानकारी दी। उन्होंने मामले पर सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है।

जस्टिस सिंह ने कहा कि मामले में जैन के खिलाफ चार जनवरी को पूरक आरोपपत्र दायर किया गया था। सीबीआई का आरोप है कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 के बीच एक लोक सेवक के रूप में काम करते हुए अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 1.62 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की।

जैन और अन्य आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। आगे की जांच के बाद एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है। पिछले साल 5 नवंबर को जांच अधिकारी ने कहा था कि तत्काल मामले में आगे की जांच पूरी हो गई है और फाइल को मंजूरी के लिए उपयुक्त प्राधिकारी को भेज दिया गया है। आगे यह भी कहा गया कि वे मंजूरी मिलने के बाद पूरक आरोप पत्र दाखिल करेंगे। इसके लिए एक महीने का समय मांगा गया।


अदालत ने पाया कि इस मामले में दर्ज FIR 24 अगस्त, 2017 को दर्ज की गई थी। इसके बाद 3 दिसंबर, 2018 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। आरोपियों को तलब करने के बाद मामले को दस्तावेजों की जांच के लिए सूचीबद्ध किया गया। अतिरिक्त आरोपी को 5 जनवरी, 2023 को तलब किया गया। इस बीच, सीबीआई द्वारा आगे की जांच की गई और 9 नवंबर, 2023 के आवेदन के माध्यम से 10 नवंबर, 2023 को अदालत को इसकी सूचना दी गई।

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12 दिसंबर, 2023 को सीबीआई ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि आगे की जांच दो महीने में पूरी होने की संभावना है। इसके बाद सीबीआई ने जांच पूरी करने के लिए एक महीने का समय मांगा। इसी तरह फिर से एक महीने का समय मांगा गया। इसके बाद सीबीआई द्वारा 5 सितंबर, 2024 को फिर से इस आधार पर स्थगन मांगा गया कि सीबीआई डायरेक्टर के पास अनुमोदन लंबित है। अदालत ने डीआईजी को अगली सुनवाई से पहले मंजूरी के बारे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था ताकि मामले को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jan 13, 2025 6:18 PM

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