Assembly By-Election Result Highlights: लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद 10 जुलाई को 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इसमें बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में वोटिंग हुई थी। उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं और इसमें विपक्ष के INDIA गुट ने मजबूत प्रदर्शन किया
By Election Result Highlights: सात राज्यों में 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव 10 जुलाई को हुए थे। बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में में 10 जुलाई को उपचुनाव हुए थे। वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई थी। यह शाम 6 बजे तक चली थी। छिटपुट घटनाओं के अलावा कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गए थे। शनिवार को इन सभी सीटों के नतीजे घोषित
By Election Result Highlights: सात राज्यों में 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव 10 जुलाई को हुए थे। बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में में 10 जुलाई को उपचुनाव हुए थे। वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई थी। यह शाम 6 बजे तक चली थी। छिटपुट घटनाओं के अलावा कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गए थे। शनिवार को इन सभी सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए। इसमें 10 सीटों पर विपक्ष के INDIA गुट की जीत हुई, जबकि BJP के खाते में केवल दी सीट ही गईं और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार ने बाजी मारी।
हिमाचल प्रदेश में 71 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था। जिसमें नालागढ़ निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा 78 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। तमिलनाडु के विक्रवंडी निर्वाचन क्षेत्र में शाम 5 बजे तक 77.73 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। वहीं मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा सीट पर 78.38 फीसदी मतदान हुआ था।
उत्तराखंड के मंगलौर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीएसपी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। जबकि बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर बीजेपी राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस के नए उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला के बीच सीधा मुकाबला होगा।
पश्चिम बंगाल की रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला, उत्तराखंड की बद्रीनाथ और मंगलौर, पंजाब की जालंधर पश्चिम, हिमाचल प्रदेश की देहरा, हमीरपुर और नालागढ़, बिहार की रूपौली, तमिलनाडु की विक्रवंडी और मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। यह उपचुनाव मौजूदा विधानसभा सीटें विधायकों के निधन या इस्तीफे के कारण खाली होने की वजह से उपचुनाव कराए गए थे।