Delhi Election 2025 : दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने में एक महीने से भी कम का वक्त बचा है, वहीं चुनाव से पहले कैग (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) की एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट से अरविंद केजरिवाल की टेंशन बढ़ सकती है। कैग की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि, दिल्ली में खत्म की जा चुकी शराब नीति से सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। वहीं भाजपा ने कैग रिपोर्ट का हवाला देकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को घेरा है।
वहीं बीजेपी ने CAG की लीक हुई रिपोर्ट को जारी किया है। बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने एक्सपर्ट पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज किया। सीएजी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई महत्वपूर्ण निर्णय कैबिनेट या दिल्ली एलजी की मंजूरी के बिना मनमाने ढंग से लिए गए। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि उस समय आबकारी विभाग के प्रमुख मनीष सिसोदिया और उनके मंत्रियों ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को अनदेखा किया। अरविंद केजरीवाल सरकार ने कुछ ऐसे बोलीदाताओं को लाइसेंस दिए, जो घाटे में चल रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पॉलिसी को लागू करने में बड़ी चूक हुई, जिसकी वजह से सरकार को करीब 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली सरकार को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि कुछ रिटेलर्स ने अपनी लाइसेंस नीति खत्म होने से पहले ही लाइसेंस लौटा दिए और सरकार ने इन लाइसेंसों को फिर से टेंडर नहीं किया, जिससे 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा, सरकार ने जोनल लाइसेंस धारकों को छूट दी, जिससे 941 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। केजरीवाल सरकार ने COVID-19 प्रतिबंधों के कारण 144 करोड़ रुपये के लाइसेंस शुल्क को माफ कर दिया, जिसके कारण और राजस्व की हानि हुई। जबकि टेंडर समझौते में ऐसी छूट देने का कोई प्रावधान नहीं था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सुरक्षा जमा राशि की गलत तरीके से वसूली के कारण 27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।