Delhi Election 2025 : भारत, विविधताओं के साथ ही साथ चुनावों का भी देश है। यहां हर तीन या चार महीने बाद किसी ना किसी राज्य में चुनाव होते हुए दिख जाते हैं। चुनाव आते ही अक्सर ये देखा जाता है कि कई राजनीतिक पार्टियों, EVM से चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं और इसपर कई तरह के सवाल खड़ी कर रही हैं। हांलाकि EVM से धांधली होने के आरोपों पर कोर्ट तक का फैसला आ चुका है पर सवाल ऐसे हैं जो खत्म होने का नाम ही नहीं लेते। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने EVM को लेकर उठ रहे कई सवालों का जवाब दिया।
चुनाव के कितने दिन पहले तैयार होते है EVM
दिल्ली विधानसभा चुनाव के तारीखों के एलान के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने ये भी जानकारी दी कि, मतदान से कितने दिन पहले EVM तैयार होती है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि, मतदान के सात से आठ दिन पहले EVM तैयरा की जाती है। चुनाव से पहले EVM में नई बैटरी डाली जाती है और उसी दिन उसे सील की जाती है। उन्होंने आगे बताया कि, मतदान के बाद ईवीएम सील की जाती है। ईवीएम में अवैध वोट की संभावना नहीं है। ईवीएम की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है।
चुनाव आयुक्त ने दी ये जानकारी
चुनाव आयुक्त ने आगे कहा, " मतदान के दिन, पोलिंग एजेंट के सामने उस सील को तोड़ा जाता है और मॉक पोल किया जाता है। पोलिंग एजेंट पूरी प्रक्रिया का रिकॉर्ड रखते हैं, जैसे कौन वोट डालने आया और कितने वोट पड़े, इनकी जानकारी उन्हें दी जाती है। काउंटिंग के दिन भी यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। फॉर्म 17 सी से मिलान किया जाता है और फिर पांच रेंडमली सिलेक्टेड वीवीपैट की गिनती की जाती है। कई बार इस प्रक्रिया को चुनौती दी गई है, लेकिन इसके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है।" मुख्य चुनाव अधिकारी राजीव कुमार ने कहा कि EVM मतगणना के लिए पूर्णतया सुरक्षित हैं। EVM से छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं।