दिल्ली में चुनाव बिगुल फुंक चुका है। राजधानी में इस बार भी विधानसभा चुनाव एक ही चरण में होगा। विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 5 फरवरी 2025 को होगी। जबकि चुनाव नतीजे 8 फरवीर को आएंगे। 7वीं दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो रहा है और तब तक अगली विधानसभा के सदस्यों का चुनाव हो जाना चाहिए। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) तीसरी बार लगातार जीत के लिए जोर लगा रही है। वहीं विपक्षी BJP ने बाजी पलटने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस भी इस लड़ाई में शामिल है, जो अकेले ही मैदान में उतर रही है और BJP और AAP दोनों को निशाना बना रही है। कांग्रेस और AAP लोकसभा चुनावों के दौरान INDIA गठंबधन के तहत सहयोगी रही हैं।
दिल्ली में विधानसभा की 70 सीट हैं, जिसमें से 62 सीट अकेले आम आदमी पार्टी के पास है और बाकी बची 8 सीटें बीजेपी ने जीती थीं। कांग्रेस पिछले दोन चुनावों से दिल्ली में बहुत बुरी स्थिति में है। राष्ट्रीय राजधानी की 12 विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
दिल्ली में कितने हैं वोटर?
चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली में कुल 13,033 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। राजधानी में इस बार 1.55 करोड़ वोटर हैं, जिसमें 1.09 वोटर 85 साल से ज्यादा के हैं।
AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, पार्टी के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। 56 साल के नेता ने कहा है कि वह "जनता की अदालत" के फैसले के बाद ही शीर्ष पद पर लौटेंगे। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा है कि वह "जनता के फैसले" के बाद मंत्रिमंडल में भूमिका निभाएंगे।
केजरीवाल, सिसोदिया, AAP सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था। पार्टी ने इसे बदले की राजनीति करार दिया है और BJP पर राजनीतिक लक्ष्यों के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।