izoram Election 2023 Voting: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा (Zoramthanga) ने राज्य विधानसभा चुनाव 2023 के लिए आइजोल उत्तर-द्वितीय विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। पहली बार में EVM खराब की वजह से वह मतदान नहीं कर पाए थे। एक अधिकारी ने बताया कि आइजोल में एक मतदान केंद्र में EVM में तकनीकी खामी की खबर आई, जहां मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने वोट डाला है। मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हो रहा है। मतदान शाम 4 बजे तक जारी रहेगा। राज्य के 8.57 लाख से अधिक मतदाता 174 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे। इनमें 4.39 लाख महिला मतदाता शामिल हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लालसावता ने सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर अपने आइजोल पश्चिम-तृतीय निर्वाचन क्षेत्र में बने एक मतदान केंद्र पर वोट डाला। मिजोरम में 1,276 मतदान केंद्रों में से 149 सुदूर मतदान केंद्र हैं। जबकि अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास के करीब 30 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में 7,200 कर्मियों को तैनात किया गया है।
मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के जीत हासिल करने और त्रिशंकु विधानसभा न होने का विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि उनकी पार्टी का राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को उसका समर्थन मुद्दा-आधारित है। उन्होंने कहा कि जनजातियों को एकीकृत करने के MNF के प्रयासों से पार्टी को चुनावी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि म्यांमार, बांग्लादेश और मणिपुर से भाग कर आ रहे लोग मिजोरम में सुरक्षित महसूस करते हैं जहां उनकी पार्टी का शासन है।
आइजोल में अपना वोट डालने से पहले पत्रकारों से बातचीत में जोरमथांगा ने कहा कि MNF वित्तीय बाधाओं के बावजूद विभिन्न विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन और विपक्षी दलों द्वारा अच्छे उम्मीदवार न उतार पाने समेत कई कारणों से चुनाव जीतेगी। BJP से अपनी पार्टी की दूरी बनाने की कवायद में उन्होंने कहा, "हम केंद्र में NDA के साझेदार हैं और हमारा समर्थन मुख्यत: मुद्दा-आधारित है। राज्य में हमारा BJP के साथ कोई संबंध या गठबंधन नहीं है।"
MNF प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी मिजो उप-राष्ट्रवाद पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सभी जो जनजातियों को एकीकृत करने के लिए काफी प्रयास कर रही है। पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "म्यांमार, बांग्लादेश और मणिपुर से भाग कर आए लोग एमएनएफ सरकार में सुरक्षित महसूस करते हैं।"
79 वर्षीय जोरमथांगा ने कहा कि एमएनएफ सत्ता में लौटने पर आवश्यकता के अनुसार, पूर्वनिर्मित मकानों का निर्माण कर म्यांमार और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों और मणिपुर से विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि, सरकार की सर्वोच्च आकांक्षा यही है कि इन स्थानों पर शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल हो।