Rajasthan Election 2023 : राज्य में बढ़ेगा राजनीतिक पारा, 16 नवंबर से दोबारा शुरू होंगी राहुल गांधी की रैलियां

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की दोबारा राजस्थान में रैलियां होने जा रही हैं। इससे पहले 23 सितंबर को अंतिम बार उन्होंने जयपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में हिस्सा लिया था। करीब 55 दिन बाद फिर से राजस्थान में उनका रोड शो शुरू होने जा रहा है। पहला रोडशो 16 नवंबर को होगा। राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग है। इस बार राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए एक दिन मतदान होंगे

अपडेटेड Nov 14, 2023 पर 5:11 PM
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी राजस्थान में रैलियां करने जा रहे हैं। उनकी राज्य में पहली रैली 16 नवंबर को होगी। 16 अक्टूबर को बारां में उनकी दौ रैलियां होंगी।

राजस्थान का चुनावी पारा बढ़ने वाला है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की दोबारा राजस्थान में रैलियां होने जा रही हैं। इससे पहले 23 सितंबर को अंतिम बार उन्होंने जयपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में हिस्सा लिया था। करीब 55 दिन बाद फिर से राजस्थान में उनका रोड शो शुरू होने जा रहा है। पहला रोडशो 16 नवंबर को होगा। राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग है। इस बार राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए एक दिन मतदान होंगे। इसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। मध्य प्रदेश, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों के नतीजे भी 3 दिसंबर को ही आएंगे। इस बार राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की लड़ाई है। अशोक गहलोत को उम्मीद है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी करने में सफल रहेगी। उधर, पिछले तीन दशकों से राज्य में हर पांच साल पर सरकार बदलने की परंपरा रही है। यह परंपरा टूटेगी या जारी रहेगी, इसका जवाब 3 दिसंबर को हो मिलेगा।

इन तीन राज्यों पर राहुल गांधी का ज्यादा फोकस

राहुल गांधी का ज्यादा फोकस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में चुनाव प्रचार पर रहा है। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को वोटिंग है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले दौर का चुनाव 7 नवंबर को हो गया है। दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होंगे। तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग होगी। राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है। ऐसे में राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को दी है।


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राहुल और गहलोत के रिश्ते मधुर नहीं 

कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा, "जब सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में टिकट के लिए उम्मीदवारों के नाम का चयन हो रहा था तब गांधी ने गहलोत खेमे के नेताओं को टिकट देने का विरोध किया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि इन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ ही कोई काम नहीं करने के आरोप हैं।" हालांकि, माना जा रहा है कि गहलोत को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का समर्थन हासिल है।

पिछले गहलोत और गांधी परिवार के बीच बढ़ी थी दूरी

गांधी परिवार के साथ गहलोत के रिश्ते में तब खटास आ गई थी, जब पिछले साल 25 सितंबर को गहलोत के समर्थक माने जाने वाले 92 विधायकों ने विधासनभा अध्यक्ष सीपी जोशो को अपने इस्तीफे सौंप दिए थे। उनका कहना था कि वे सचिन पायलट को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। पिछले कुछ समय से पायलट को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा चल रही थी। गहलोत के समर्थक यह भी चाहते थे कि मुख्यमंत्री के साथ ही राज्य कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी गहलोत को दी जानी चाहिए। राहुल ऐसे किसी प्रस्ताव के खिलाफ थे। वह एक व्यक्ति एक पद पर जोर देते आ रहे हैं।

राज्य में खड़गे की भी रैलियां

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी राजस्थान में रैलियां करने जा रहे हैं। उनकी राज्य में पहली रैली 16 नवंबर को होगी। 16 अक्टूबर को बारां में उनकी दौ रैलियां होंगी। राहुल गांधी राजस्थान में चार दिन रहेंगे। उधर, उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी राजस्थान में 16 नवंबर से फिर से चुनाव प्रचार शुरू करेंगी।

 

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