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Basant Panchmi 2025: बसंत पंचमी के दिन इस रंग के पहनें कपड़े, ज्ञान और बुद्धि का मिलेगा आशीर्वाद

बसंत पंचमी वसंत ऋतु की शुरुआत और मां सरस्वती की आराधना का पर्व है। इसे "अबूझ मुहूर्त" माना जाता है, जिसमें नए कार्य शुरू करना शुभ होता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने, पीले भोजन का दान और मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व विद्यार्थियों और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 27, 2025 पर 12:38 PM
Basant Panchmi 2025: बसंत पंचमी के दिन इस रंग के पहनें कपड़े, ज्ञान और बुद्धि का मिलेगा आशीर्वाद
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी को माता सरस्वती जयंती के रूप में मनाया जाता है।

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है जो वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। इस वर्ष पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे से प्रारंभ होकर 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे समाप्त हो रही है। उदया तिथि के अनुसार अधिकांश स्थानों पर बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी हालांकि कुछ क्षेत्रों में इसे 2 फरवरी को भी मनाया जाएगा। यह पर्व ज्ञान, संगीत, कला और विज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। बसंत पंचमी को शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उपयुक्त माना गया है और इसे "अबूझ मुहूर्त" का दर्जा प्राप्त है।

इस दिन गृह प्रवेश, सगाई, विवाह, व्यापार जैसे नए कार्यों की शुरुआत करना शुभ माना जाता है। मां सरस्वती की पूजा के साथ इस दिन पीले वस्त्र पहनने और पीले भोजन का दान करने की परंपरा है, जो इस पर्व को और भी विशेष बनाती है।

विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व

बसंत पंचमी को माता सरस्वती जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उनके प्रकट होने की खुशी में समर्पित है। विद्यार्थी विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं और विद्या व बुद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

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