होली सिर्फ रंगों और उमंग का त्योहार नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का एक पावन पर्व भी है। होली से एक दिन पहले फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस बार 13 मार्च 2025 को होलिका की ज्वालाएं आसमान छूएंगी, और अगले दिन 14 मार्च 2025 को रंगों की बारिश होगी। होलिका दहन की पवित्र अग्नि में सही चीजों का अर्पण जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है, जबकि कुछ चीजें इसमें डालने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्या आप जानते हैं कि गुलाल, सूखा नारियल, अक्षत और नीम के पत्ते शुभ माने जाते हैं, लेकिन टूटे-फूटे सामान और पानी वाला नारियल अर्पित करना अशुभ होता है? आइए जानते हैं होलिका दहन की सही विधि और इससे जुड़ी मान्यताएं।
होलिका दहन में क्या डालना चाहिए?
होलिका की पवित्र अग्नि में कुछ वस्तुएं अर्पित करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। ये चीजें सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक मानी जाती हैं।
सूखा नारियल – होलिका दहन में सूखा नारियल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। ये समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित करता है।
अक्षत और ताजे फूल – अक्षत और ताजे फूल अर्पित करने से घर में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
नीम के पत्ते और कपूर – नीम के पत्तों और कपूर को अग्नि में डालने से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
घी में भिगोए पान के पत्ते और बताशा – ये धार्मिक रूप से शुभ माना जाता है और परिवार की खुशहाली का प्रतीक होता है।
चांदी या तांबे के कलश से जल और गुलाल – जल अर्पित करने से शुद्धि और शांति बनी रहती है, वहीं गुलाल अर्पित करने से खुशियों का संचार होता है।
हल्दी और उपले– हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, जबकि उपलों को जलाने से वातावरण की शुद्धि और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
होलिका दहन में क्या नहीं डालना चाहिए?
कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें होलिका दहन की अग्नि में डालना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर सकती है और कुंडली पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
पानी वाला नारियल – होलिका दहन में कभी भी पानी भरा नारियल अर्पित नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इससे चंद्रमा की स्थिति खराब हो सकती है, जिससे मानसिक तनाव और परेशानियां बढ़ सकती हैं।
टूटा-फूटा सामान– पुराने और टूटे हुए फर्नीचर या सामान को जलाना शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को बढ़ा सकता है।
सूखी हुई गेहूं की बालियां और सूखे फूल – इन्हें जलाने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में अशांति और दुर्भाग्य का प्रवेश हो सकता है।