होलिका दहन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि ये बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन अग्नि में नारियल, पान और सुपारी अर्पित करने की परंपरा है, जिसे जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता को आमंत्रित करने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि होलिका दहन की पवित्र अग्नि में समर्पित चीजें न केवल हमारे अंदर की बुराइयों को जलाती हैं, बल्कि सफलता, समृद्धि और उन्नति का मार्ग भी खोलती हैं। आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी ये दिन बेहद खास माना जाता है। कहते हैं कि इस रात किए गए उपाय और प्रार्थनाएं जल्दी फल देती हैं।
यही कारण है कि हर साल इस शुभ अवसर पर लोग विशेष अनुष्ठान कर अपने जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। तो आइए जानते हैं कि इस दिन कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं और उनका क्या महत्व है।
होलिका दहन: ऊर्जा संतुलन का पर्व
उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित शिव शक्ति एस्ट्रोलॉजी सेंटर की ज्योतिषी शकुंतला बेलवाल ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि, होलिका दहन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि ये ऊर्जा संतुलन का पर्व भी है। इस साल 13 मार्च 2025 को होलिका दहन मनाया जाएगा। इस दिन किए गए विशेष उपायों से व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि के नए द्वार खुलते हैं। यदि श्रद्धा और सच्चे मन से नारियल, पान और सुपारी को अग्नि में अर्पित किया जाए, तो ये व्यक्ति को मानसिक शांति, आर्थिक उन्नति और बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
होलिका दहन का धार्मिक महत्व
होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा के दिन किया जाता है, जब चंद्रमा अपनी पूर्ण शक्ति में होता है और वातावरण में विशेष ऊर्जा प्रवाहित होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी और राक्षसी होलिका को अग्नि में भस्म कर दिया था। इसलिए ये पर्व बुराई के अंत और अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन किए गए उपाय जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और सफलता, समृद्धि एवं उन्नति के मार्ग खोलते हैं।
होलिका दहन में क्या-क्या अर्पित करें?
हिंदू धर्म में नारियल को पवित्र और शुभ माना जाता है। यह शुद्धता, समृद्धि और सफलता का प्रतीक होता है। होलिका दहन की अग्नि में नारियल अर्पित करने से नकारात्मकता दूर होती है और व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
पान शुभता का प्रतीक माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी तथा भगवान गणेश को अर्पित करना विशेष फलदायी माना जाता है। होलिका दहन की अग्नि में पान चढ़ाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
सुपारी भगवान गणेश का प्रतीक मानी जाती है। इसे होलिका दहन की अग्नि में अर्पित करने से सभी प्रकार की बाधाएं समाप्त होती हैं और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
होलिका दहन के दौरान उपाय कैसे करें?
सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सफलता प्राप्ति का संकल्प लें।
होलिका जलने के बाद उसकी तीन या सात बार परिक्रमा करें और अपनी इच्छाओं को प्रकट करें।
पहले नारियल, फिर पान, और अंत में सुपारी अग्नि में अर्पित करें।
भगवान से मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
होलिका दहन के बाद प्रसाद ग्रहण करें और परिवार के साथ इसे साझा करें।
होलिका दहन का यह पर्व न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और समृद्धि लाने का माध्यम भी है।