हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव की उपासना का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा की जाती है और भक्तगण उपवास रखते हैं। यह दिन न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि तंत्र साधना के लिए भी विशेष माना जाता है। मान्यता है कि काल भैरव की आराधना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। काल भैरव को न्याय के देवता और काशी का कोतवाल कहा जाता है। भक्तों का विश्वास है कि उनकी कृपा से भय, नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु बाधा समाप्त होती है।