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Kalashtami 2025: कालाष्टमी पर काल भैरव की पूजा क्यों है खास? जानें महत्व, शुभ योग और पूजा विधि

Kalashtami 2025: फाल्गुन माह की कालाष्टमी पर काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन उपासना और व्रत से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं व सभी संकट दूर होते हैं। निशा काल में पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है। इस बार सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग और शिववास संयोग इसे और शुभ बनाते हैं। तंत्र साधकों के लिए यह दिन बेहद खास है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 20, 2025 पर 2:40 PM
Kalashtami 2025: कालाष्टमी पर काल भैरव की पूजा क्यों है खास? जानें महत्व, शुभ योग और पूजा विधि
Kalashtami 2025: काल भैरव की उपासना का विशेष दिन

हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव की उपासना का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा की जाती है और भक्तगण उपवास रखते हैं। यह दिन न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि तंत्र साधना के लिए भी विशेष माना जाता है। मान्यता है कि काल भैरव की आराधना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। काल भैरव को न्याय के देवता और काशी का कोतवाल कहा जाता है। भक्तों का विश्वास है कि उनकी कृपा से भय, नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु बाधा समाप्त होती है।

इस दिन विशेष रूप से रात्रि काल में उनकी पूजा करना शुभ माना जाता है। भैरव जी की आराधना से साधक को न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि जीवन के सभी संकटों से मुक्ति भी मिलती है।

तंत्र साधना के लिए खास दिन

जो साधक तंत्र विद्या में रुचि रखते हैं, उनके लिए कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन विशेष सिद्धियों की प्राप्ति के लिए साधक कठिन तपस्या और भक्ति करते हैं। यह माना जाता है कि काल भैरव प्रसन्न होकर साधक की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं और उन्हें विशेष शक्तियां प्रदान करते हैं।

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