सनातन धर्म के लोगों के लिए करवा चौथ के व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। हालांकि ये व्रत काफी कठिन होता है। इस व्रत के दौरान अन्न के साथ-साथ पानी पीने की भी मनाही होती है। यानी निर्जला उपवास रहना होता है। शाम में चंद्र देव को पानी से अर्घ्य देने के बाद ही ये व्रत खोला जाता है। करवा चौथ व्रत के कई अहम नियम भी होते हैं। जिनका पालन न करने पर महिलाओं को उनकी पूजा का पूरी तरह से फल नहीं मिलता है। लेकिन इस बार करवा चौथ में भद्रा का साया रहेगा।
दरअसल, करवा व्रत की शुरुआत हमेशा सरगी खाने से होती है, जो सूर्योदय से करीब दो घंटे पहले खाई जाती है। इस दौरान करवा माता, भगवान गणेश और चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। लेकिन भद्रा के समय पूजा पाठ नहीं किया जाता है। लिहाजा यह जानना बेहद जरूरी है कि करवा चौथ व्रत के दौरान आखिर कब तक भद्रा का साया रहेगा।
21 मिनट तक रहेगा भद्रा का समय
पं. भलेराम शर्मा भारद्वाज का कहना है कि कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रविवार 20 अक्टूबर को सुबह 06.46 बजे से शुरू हो जाएगी। यह 21 अक्टूबर को सुबह 04.16 बजे खत्म हो जाएगी। शर्मा ने बताया कि सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। वहीं उन्होंने भद्रा के साया पर कहा कि करवा चौथ के दिन सुबह 6.25 बजे से लेकर 06.46 बजे तक भद्रा का संयोग है। कुल मिलाकर कहें तो करवा चौथ पर 21 मिनट तक भद्रा योग है। इस समय में व्रत से संबंधित कोई कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसे में व्रत रखने वालों को सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी ग्रहण कर लेना चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ के दिन पूजा के लिए शुभ समय शाम को 05.46 बजे से 07.02 बजे तक है। वहीं, चंद्र दर्शन का शुभ समय शाम को 7.54 बजे है। इस समय में चंद्र देव को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं जल ग्रहण कर सकती हैं।
करवा चौथ के दिन भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश-कार्तिक जी के साथ करवा माता और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं 16 श्रृंगार कर पूजा करती हैं। करना चौथ का व्रत बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए पूरा नहीं माना जाता है। लिहाजा इस दिन चांद की पूजा जरूर करें। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत करने से व्रती महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। उनके जीवनसाथी की उम्र लंबी होती है।
करवा चौथ के दिन न करें ये काम
1 - करवा चौथ के दिन सुबह भद्रा लग रही है। इसलिए व्रत का संकल्प भद्रा लगने से पहलें या फिर भद्रा समाप्त होने के बाद करें।
2 - करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को काले रंग की वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे जीवन में निगेटिविटी आती है।
3 - करवा चौथ व्रत के दिन किसी भी धारदार वस्तु का इस्तेमाल करने से बचें। कहते हैं कि इससे रिश्ते में खटास आ सकती है।