सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का पर्व बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही माता करवा, देवी पार्वती, भगवान शिव, भगवान गणेश और कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है। करवा चौथ का व्रत शाम में चंद्रोदय होने के बाद च्रंद देव की पूजा और उन्हें अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर खोला जाता है। इसी वजह से इस दिन हर व्रत रखने वाली महिला को चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार रहता है।
रात को जैसे ही चांद का दीदार होता है। वो छलनी से सबसे पहले चांद को देखती हैं और फिर अपने पति का चेहरा देखकर व्रत खोलती हैं। कई बार चांद नहीं दिखता है। लिहाजा कभी-कभी बहुत भारी भी पड़ जाता है। ऐसे में व्रत करने वाली महिलाएं परेशान हो जाती हैं। लिहाजा इस तरह की स्थिति में धर्मिक रूप से नियम बनाए गए हैं। आइये जानते हैं चांद नहीं दिखने पर कैसे पारण करें?
करवा चौथ पर न दिखे चांद तो ऐसे करें पूजा और पारण
अगर करवा चौथ की रात आपकी छत पर चांद दिखाई नहीं देता है। तब ऐसी स्थिति में कुछ आसान ज्योतिष उपाय किए जा सकते हैं। करवा चौथ की रात पास के किसी नजदीक शिव मंदिर में जाएं। जहां पर भगवान शिव के माथे पर चंद्रमा स्पष्ट रूप से दिखता हो। भगवान शिव के माथे को चंद्रमा सदैव सुशोभित रहता है। आप चंद्रोदय समय के बाद मंदिर में जाकर शिव जी के माथे पर लगे चंद्रमा को अर्घ्य देकर करवा चौथ का पारण करके व्रत को पूरा कर सकती हैं।
चंद्रमा की दिशा में करें पारण
वहीं अगर आपके शहर में मौसम खराब होने की वजह से आसमान बादल छाए हैं। चंद्रमा को नहीं देख पा रहे हैं। तब ऐसी स्थिति में चंद्रमा का जिस दिशा से उदय होता है, उस दिशा की तरफ मुंह करके उनका ध्यान कर व्रत खोला जा सकता है।
चांदी के सिक्के से करें पारण
ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा का शुभ रत्न चांदी है। चंद्रोदय के समय के बाद चांदी का एक सिक्का या फिर चांदी का एक गोल टुकड़ा लेना होगा। उसे चंद्रमा का प्रतिरूप मानकर उसकी पूजा करें। फिर उसे चंद्रमा मानकर करवा चौथ का अर्घ्य दें। फिर पारण करके व्रत को पूरा कर लें।
अगर आसमान में चांद न दिखे तो आप चावल का चंद्रमा बनाकर भी विधि-विधान से उनकी पूजा कर अपने व्रत का पारण कर सकती हैं। इसके लिए आपको चांद निकलने की दिशा की ओर मुंह करके पूजा की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाना है। इसके बार इस पर चावल से चंद्रमा की आकृति बनाएं। इस दौरान आपको ओम चतुर्थ चंद्राय नमः: मंत्र का जाप करना है। चंद्रमा का आह्वान करें और फिर पूजा कर व्रत का पारण किया जा सकता है।
वीडियो कॉल से करें चंद्र दर्शन
इसके अलावा एक अन्य उपाय ये भी है कि अपने रिश्तेदार या किसी जानने वाले के शहर में निकले चांद को वीडियो कॉल के जरिए देखें। फिर इसकी पूजा कर व्रत का पारण किया जा सकता है।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि का शुभारंभ: 20 अक्टूबर, रविवार, सुबह 6.46 बजे से शुरू हो जाएगी।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि का समापन: 21 अक्टूबर, सोमवार को सुबह 4.16 बजे चतुर्थी खत्म हो जाएगी।
चांद निकलने का समय: शाम 7.54 बजे।
पूजा मुहूर्त: शाम 5.46 बजे से शाम 7.02 बजे तक।