Credit Cards

Maha kumbh 2025: महाकुंभ मेले में आखिर अखाड़ा क्या है, जानिए इतिहास और महत्व

Maha kumbh 2025: महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें 13 प्रमुख अखाड़े भाग लेते हैं। अखाड़े धर्म, आस्था और परंपराओं को सहेजते हैं। शाही स्नान के दौरान अखाड़ों के साधु पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं, जो भव्य जुलूस और तपस्या के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रेरणा प्रदान करते हैं

अपडेटेड Jan 13, 2025 पर 5:47 AM
Story continues below Advertisement
Mahakumbh 2025: महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा मेला है

Maha kumbh 2025: महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु और साधु-संत एकत्र होते हैं। इसमें अखाड़ों की भूमिका बेहद खास होती है। अखाड़े साधु-संतों के ऐसे समूह हैं, जो धर्म, आस्था और परंपराओं को सहेजकर रखते हैं। महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण शाही स्नान होता है। शाही स्नान के दौरान अखाड़ों के नागा साधु, जो पूरी तरह सांसारिक मोह-माया से दूर होते हैं, पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं। इनके साथ रथ, घोड़े और हाथियों का भव्य जुलूस निकलता है, जो इस आयोजन को और भव्य बना देता है।

अखाड़े न केवल साधु-संतों का समूह हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति का प्रतीक भी हैं। इनकी तपस्या, भक्ति और सादगी से लोग प्रेरित होते हैं। महाकुंभ में अखाड़े धर्म और परंपराओं को जीवित रखते हैं और हमें अपनी आस्था और संस्कृति से गहराई से जोड़ते हैं।

अखाड़े: क्या हैं और इनका महत्व


अखाड़े हिंदू धर्म के साधु-संतों के संगठन हैं, जो धर्म, परंपरा और संस्कृति को सहेजने का काम करते हैं। ये साधु-संत न केवल धर्म का प्रचार करते हैं, बल्कि युवाओं को धार्मिक शिक्षा और साधना का ज्ञान भी देते हैं। समाज को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देना और सही दिशा दिखाना भी इनका मुख्य उद्देश्य है। आज भी अखाड़े भक्ति, साधना और तपस्या का प्रतीक हैं। इनकी सादगी और भक्ति समाज को प्रेरणा देने के साथ-साथ धर्म की रक्षा करती है।

महाकुंभ में 13 प्रमुख अखाड़े

महाकुंभ में 13 प्रमुख अखाड़े भाग लेते हैं, जो तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित हैं:

  1. शैव अखाड़े (भगवान शिव के उपासक)

शैव अखाड़े भगवान शिव की भक्ति और तपस्या पर आधारित हैं। ये साधु सांसारिक मोह-माया से दूर तपस्वी जीवन जीते हैं।

महानिर्वाणी अखाड़ा: भगवान शिव की भक्ति में लीन।

आवाहन अखाड़ा: विशेष योग और ध्यान का अभ्यास।

अटल अखाड़ा: तपस्या और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए प्रसिद्ध।

जूना अखाड़ा: सबसे बड़ा और प्राचीन अखाड़ा।

आह्वान अखाड़ा: गहन साधना और तपस्या का केंद्र।

निरंजनी अखाड़ा: सरल और शांत साधना का पालन।

आनंद अखाड़ा: शिव भक्तों का प्रमुख केंद्र।

अग्नि अखाड़ा: अग्नि अखाड़े के संतों को ब्रह्मचारी बनने की शिक्षा दी जाती है

  1. वैष्णव अखाड़े (भगवान विष्णु के उपासक)

वैष्णव अखाड़े भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति योग पर आधारित होते हैं।

निर्मोही अखाड़ा: भगवान राम और कृष्ण के उपासक।

निर्वाणी अखाड़ा: वैष्णव भक्ति और ध्यान का पालन।

दिगंबर अखाड़ा: वैष्णव परंपरा का सशक्त केंद्र।

  1. उदासीन अखाड़े (सनातन और सिख परंपरा के अनुयायी)

उदासीन अखाड़े गुरु नानक और सनातन धर्म की परंपराओं का मिश्रण हैं।

उदासीन बड़ा अखाड़ा: सिख धर्म और सनातन परंपरा का मेल।

निर्वाणी उदासीन अखाड़ा: सेवा और भक्ति का पालन।

अखाड़ों का महाकुंभ में विशेष महत्व

महाकुंभ में अखाड़ों की भूमिका बहुत खास होती है। शाही स्नान का सबसे बड़ा आकर्षण अखाड़ों का भव्य जुलूस होता है, जिसमें नागा साधु, रथ, हाथी, घोड़े और बैंड-बाजे शामिल होते हैं। ये शाही स्नान उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक श्रेष्ठता को दिखाता है।महाकुंभ के दौरान अखाड़ों के साधु प्रवचन देते हैं और यज्ञों का आयोजन करते हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करते हैं। इन साधुओं की कठोर तपस्या और साधना भक्तों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होती है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।