Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से व्रत करने वालों की सभी मनोकामना पूरी होती है। यह व्रत न केवल सुख-समृद्धि बढ़ाने में सहायक है, बल्कि मनचाहा करियर पाने में भी मददगार माना जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर विशेष सामग्री अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और जीवन में खुशियां आती हैं। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के दिन कैसे करनी चाहिए से शिवलिंग की पूजा।
पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी को सुबह 8:21 बजे शुरू होगी और 12 जनवरी को सुबह 6:33 बजे समाप्त होगी। इसलिए, पौष माह का यह प्रदोष व्रत 11 जनवरी को किया जाएगा। प्रदोष व्रत का ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 05:27 से 06:21 तक रहेगा, गोधूलि मुहूर्त शाम 05:40 से 06:08 तक रहेगा और अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:08 से 12:50 तक रहेगा।
प्रदोष के दिन शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें
शिवलिंग पर प्रदोष के दिन दूध चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती हैं। प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से जातक को रोगों से भी मुक्ति मिलती है। प्रदोष के दिन शिवलिंग पर घी अर्पित करने से शक्ति, ऊर्जा और खुशियों का आगमन होता है। सुख-समृद्धि और सफलता के मार्ग खोलने के लिए शिवलिंग पर इत्र चढ़ाया जा सकता है। वैवाहिक जीवन को सुखद और खुशहाल बनाए रखने के लिए केसर चढ़ाना लाभकारी है, जबकि भांग और बेलपत्र अर्पित करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख की सामग्री पूरी तरह से धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। हम इसकी सत्यता और सटीकता का पूरी तरह दावा नहीं करते। यहां दी गई किसी भी जानकारी के आधार पर कोई वित्तीय, स्वास्थ्य या व्यावसायिक निर्णय लेने से पहले योग्य विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।