Shab-E-Barat 2025: कब है शब-ए-बारात? यहां करें क्लिक, मिलेगी पूरी डिटेल

Shab-E-Barat 2025: हिंदू धर्म में पंचांग को देखकर त्योहार मनाया जाता है। ठीक वैसे ही इस्लाम धर्म में भी अपना अलग कैलेंडर होता है। इस्लामिक कैलेंडर रमजान की तरह माह-ए-शाबान को भी बेहद पाक और मुबारक महीना माना गया है। शाबान का महीना इस्लामिक कैलेंडर का 8वां महीना होता है। जिसमें शब-ए-बारात मनाई जाती है

अपडेटेड Feb 12, 2025 पर 2:45 PM
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Shab-E-Barat Date: शब-ए-बारात के दिन मस्जिद में लोग नमाज अदा करने जाते हैं। इसके साथ ही अल्लाह की इबादत करते हैं।

हर साल इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने में शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोगों में बेहद खास उत्साह देखने को मिलता है। शब-ए-बारात की रात को इबादत करने से पूरी होती है। मस्जिदों में खासतौर से तैयारी की जाती है। शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2025) की रात को मस्जिदों में बेहद खास नजारा देखने को मिलता है। इस बार लोग शब-ए-बारात की तारीख को लेकर बहुत से लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा है, तो हम आपके लिए सही तारीख की जानकारी दे रहे हैं।

शब-ए बारात को इबादत की रात भी कहते हैं। इसीलिए इस खास मौके पर अल्लाह की इबादत करना बेहद खास मानते हैं। कहा जाता है कि शब-ए-बारात पर सभी दुआएं कबूल हो जाती हैं। सभी गुनाह माफ हो जाते हैं।

कब है शब-ए-बारात 2025?


इस्लामिक कैलेंडर का 8वां महीना शाबान होता है। इस महीने की 14वीं और 15वीं रात को शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाता है। इस बार शब-ए-बारात की रात 13 फरवरी से 14 फरवरी तक रहेगी। इस बार 13 फरवरी शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाएगा। इसे निस्फ़ शाबान भी कहा जाता है। इस दिन लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। लोग कब्रिस्तानों में जाकर फातिहा पढ़ेंगे। अपने पूर्वजों की मगफिरत की दुआ करेंगे। इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान भी किया जाएगा। सड़कों पर जुलूस निकाले जाते हैं, घर में पकवान बनते हैं और नए कपड़े पहनकर बच्चे और बड़े तैयार होते हैं। अल्लाह से यह वादा किया जाता है कि उसके बंदे किसी गलत राह पर नहीं चलेंगे।

क्यों मनाते हैं शब-ए- बारात?

शब-ए-बारात का मतलब है आजाद करना है। इस रात का इंतजार हर मुस्लिम बंदे को रहता है। शब-ए-बारात के दिन शिया मुसलमानों के 12वें इमाम मुहम्मद अल महदी पैदा हुए थे। यह रात सूरज के डूबने के बाद से शुरु होती है। सुबह फजिर के समय खत्म होती है।

शब-ए-बारात के दिन क्या करें?

1 - इस दिन लोगों में दान जरूर करना चाहिए।

2 - शब-ए-बारात की रात में अपने पूर्वजों की कब्र पर जाकर उनके लिए विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं।

3 - कब्र पर अगरबत्ती जलाते हैं और फूल चढ़ाते हैं।

4 - नमाज के दौरान जीवन में किए गए गुनाहों की माफी मांगते हैं।

5 - इस दिन रोजा रखने की परंपरा है।

6 - इसके अलावा इबादत के दौरान जीवन में कभी भी किसी गलत काम को न करने का वादा करते हैं।

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First Published: Feb 12, 2025 2:14 PM

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