केंद्र सरकार 1 नवंबर, 2025 से एक नया GST रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू करने जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। इस कदम का मकसद है छोटे कारोबारों और पब्लिक सेक्टर एंटिटीज के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को सरल बनाना। नए सिस्टम से ऐसे छोटे कारोबारों के लिए मैन्युअल रजिस्ट्रेशन प्रोसेस खत्म हो जाएगी, जिनका मंथली टैक्स 2.5 लाख रुपये से कम बनता है। ऐसे कारोबारों को रजिस्ट्रेशन के लिए उनकी एप्लीकेशन पर वर्किंग डेज के अंदर ऑटोमेटिक तरीके से अप्रूवल मिल सकेगा। इससे रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में लगने वाला वक्त घटेगा।
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ध्रुव एडवाइजर्स के पार्टनर रंजीत महतानी का कहना है कि एक सिंपलीफाइड GST रजिस्ट्रेशन स्कीम 1 नवंबर से लागू की जाएगी। यह GST 2.0 सुधारों का हिस्सा है। नए रजिस्ट्रेशन सिस्टम से क्षेत्रीय कार्यालयों और करदाताओं, दोनों पर दबाव कम होने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर एप्लीकेंट्स को GST रजिस्ट्रेशन ऑटोमेटिक तरीके से मिल जाएगा।
GSTN पोर्टल पर निर्भर करेगी सफलता
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सरल सिस्टम से टैक्स अथॉरिटीज उच्च जोखिम वाले मामलों पर गहराई से जांच करने पर फोकस कर सकेंगी। हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि लो रिस्क एप्लीकेंट्स की संख्या कितनी है। महतानी के मुताबिक, तकनीकी गड़बड़ियों के इतिहास को देखते हुए इस नए सरल GST रजिस्ट्रेशन सिस्टम की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसके लागू होने के बाद GSTN पोर्टल कैसे काम करता है।
GST 2.0 को 22 सितंबर से किया गया लागू
GST 2.0 के तहत सरकार ने जीएसटी के केवल 2 टैक्स स्लैब रखे हैं- 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। बाकी के 2 स्लैब 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत को खत्म कर दिया गया है। साथ ही लग्जरी आइटम्स और सिन गुड्स के लिए 40 प्रतिशत का विशेष टैक्स स्लैब भी रखा गया है। GST 2.0 को 22 सितंबर 2025 से लागू किया गया है।