Amul को FY24 में 20% रेवेन्यू ग्रोथ के साथ 66,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद, फिलहाल दूध के दाम बढ़ाने की कोई योजना नहीं

Amul: दूध की बढ़ती मांग के बीच गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेवेन्यू में 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ इसके 66,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 55,055 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो एक साल पहले की तुलना में 18.5 प्रतिशत अधिक है

अपडेटेड Apr 09, 2023 पर 8:59 PM
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Amul ब्रांड के तहत दूध बेचने वाली GCMMF की दूध के दाम बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है

दूध की बढ़ती मांग के बीच गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेवेन्यू में 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ इसके 66,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 55,055 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो एक साल पहले की तुलना में 18.5 प्रतिशत अधिक है। GCMMF ने कहा कि कोरोना काल के बाद डेयरी उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई थी, जिससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी के रेवेन्यू में एक मजबूत वृद्धि देखी।

गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर (in charge) जयेन मेहता (Jayen Mehta) ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “उम्मीद है कि सभी उत्पादों की बिक्री इसी रफ्तार से चलती रहेगी। मांग अब असंगठित क्षेत्र से संगठित कंपनियों की तरफ जा रही है।”

दूध के दाम बढ़ाने की कोई योजना नहीं


अमूल ब्रांड के तहत दूध बेचने वाली गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) की दूध के दाम बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। जयेन मेहता ने दूध की कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा, “फिलहाल हमारी कीमतें बढ़ाने की योजना नहीं है।”

मेहता ने कहा कि पिछले एक साल में लागत लागत में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे को-ऑपरेटिव को पिछले साल खुदरा कीमतों में कुछ हद तक बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि GCMMF ने कोरोना महामारी के कारण 2020 और 2021 में कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की। उन्होंने कहा कि पिछले साल कुछ बार दरें बढ़ाई गई थीं।

उन्होंने कहा कि एक साल में लागत मूल्य 15 फीसदी बढ़ गया है, जिससे फेडरेशन को पिछले साल खुदरा मूल्य में कुछ बढ़ोत्तरी करनी पड़ी थी। बता दें कि महीने की शुरुआत में ही अमूल दूध के दाम गुजरात में दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। इसके पहले देश के अन्य राज्यों में भी अमूल दूध के दाम फरवरी में दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे।

GCMMF खुदरा कीमतों का लगभग 80 प्रतिशत डेयरी किसानों को देता है। मेहता ने कहा कि GCMMF की दूध खरीद मार्च में बढ़ी है और इस महीने भी बढ़ेगी। इसलिए, दूध की आपूर्ति में सुधार हो रहा है।

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मेहता ने कहा कि कोविड के बाद 2022 में मांग तेजी से बढ़ी और यह रुझान जारी रहेगा। हालांकि इस साल आधार प्रभाव के आधार पर वृद्धि की गति धीमी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि निकट भविष्य में मांग-आपूर्ति की स्थिति संतुलित रहेगी।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Apr 09, 2023 8:53 PM

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