आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) ने इंडस्ट्रियल सेक्टर या औद्योगिक क्षेत्रों को दी जाने वाली बिजली में 50 फीसदी कटौती (Power Cuts) करने का फैसला किया है। राज्य में बिजली वितरण का कार्य देखने वाली सरकारी कंपनी आंध्र प्रदेश स्टेट पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन (AP ट्रांसको) ने गुरुवार को यह फैसला किया। आंध्र प्रदेश में गर्मी शुरू होने के साथ बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। हालांकि बिजली उत्पादन के अपर्याप्त साधनों और बाजार से बिजली की कम खरीदारी के चलते आंध्र प्रदेश सरकार इस बढ़ती मांग को पूरा करने में दिक्कतों का सामना कर रही है।
वाई एस जगन मोहन रेड्डी की अगुआई वाली आंध्र प्रदेश की सरकार ने कहा कि कम से कम अगले 15 दिनों तक औद्योगिक क्षेत्रों के लिए यह बिजली कटौती लागू रहेगी। आंध्र प्रदेश के एनर्जी सेक्रेटरी, बी श्रीधर ने राज्य में बिजली सप्लाई की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह घोषणा की।
सरकारी बिजली कंपनियां पिछले कुछ दिनों से राज्य के कृषि क्षेत्रों और घरेलू क्षेत्रों को दी जाने वाली सप्लाई में इमरजेंसी बिजली कटौती का सहारा ले रही थीं।
AP ट्रांसको ने एक बयान में कहा, "एनर्जी सेक्रेटरी को औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली कटौती लागू करने का निर्देश देने पर मजबूर होना पड़ा है। ताकि बिजली कंपनियां इस दौरान कृषि क्षेत्रों को बिजली सप्लाई कर सकें, जिससे खेतों में खड़ी फसल बर्बाद न हो और राज्य में गर्मी व लू के कहर के बीत घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।"
AP ट्रांसको ने बताया कि जिन इंडस्ट्रीज को लगातार पावर सप्लाई की जरूरत होती है, उनके लिए 50 फीसदी बिजली कटौती का प्रस्ताव रखा गया है। वहीं जिन इंडस्ट्रीज को बिजली की लगातार जरूरत नहीं होती है, उन्हें अपने पावर हॉलिडे के अलावा हफ्ते में एक दिन बिजली हॉलिडे का ऐळान करना होगा। साथ ही उन्हें सिर्फ दिन के समय में बिजली का उपयोग करना होगा। ये प्रस्ताव अगले 15 दिनों तक के लिए लागू रहेंगे।
आंध्र प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाली बिजली कंपनी ने बताया कि 1 अप्रैल को अधिकतम 23.5 करोड़ यूनिट बिजली की मांग आई थी, जिसे बिजली उत्पादन के उपलब्ध संसाधनों और करीब 6.4 करोड़ यूनिट की बाजार खरीद के साथ सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया।