वेदांता (Vedanta) की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) ने कर्ज के मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसने अप्रैल में मेच्योर होने वाले लोन और बॉन्ड्स का बकाया चुका दिया है। कंपनी ने सोमवार कोई इसकी जानकारी दी। अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता रिसोर्सेज ने ऐलान किया है कि इसके ग्रॉस कर्ज में 100 करोड़ डॉलर (8190 करोड़ रुपये) की और गिरावट आई है। वेदांता ने फरवरी 2022 में तीन साल के भीतर अपना कर्ज 400 करोड़ डॉलर घटाने का लक्ष्य रखा था और अब तक इसने 300 करोड़ डॉलर का बोझ कम कर लिया है। इस प्रकार महज 14 महीने में ही कंपनी ने कर्ज घटाने के 75 फीसदी लक्ष्य को हासिल कर लिया है।
अब कितना कर्ज है Vedanta पर
वेदांता ने तीन साल में कर्ज घटाने का जो लक्ष्य तय किया था, उससे महज 14 महीने में 75 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया। अब इस पर 680 करोड़ डॉलर का ग्रॉस डेट बाकी है। मार्च 2023 तिमाही में यह आंकड़ा 780 करोड़ डॉलर पर था और कंपनी ने इसकी जानकारी 15 फरवरी को दी थी। मार्च 2022 तिमाही में इस पर 970 करोड़ डॉलर का कर्ज था। अब मई में 50 करोड़ डॉलर के बॉन्ड्स मई में मेच्योर होने हैं और इसके बाद अगले साल जनवरी 2024 में 100 करोड़ डॉलर के बॉन्ड मेच्योर होने हैं।
लोन और डिविडेंड्स के जरिए घटाया कर्ज
कंपनी का कहना है कि मजबूत ऑपरेशनल परफॉरमेंस के दम पर यह आगे भी अपना बोझ कम कर सकेगी। ग्रुप ने अपने कर्ज को लोन के साथ-साथ अपनी ऑपरेटिंग कंपनियों वेदांता और हिंदुस्तान जिंक से मिले डिविडेंड्स के जरिए कम किया है। 21 मार्च को हिंदुस्तान जिंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए अपने चौथे अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था। इसके तहत कंपनी ने प्रति शेयर 26 रुपये बांटे। वेदांता की हिंदुस्तान जिंक में 64.9 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी 29.5 फीसदी सरकार की।