दिग्गज टेक कंपनी Apple ने कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनो स्थित अपने हेडक्वार्टर से कथित तौर पर 185 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक ये कर्मचारी कंपनी के चैरिटेबल मैचिंग ग्रांट्स प्रोग्राम से जुड़ी धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल थे। जिन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें कई भारतीय कर्मचारी भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह धोखाधड़ी कथित रूप से कर्मचारियों द्वारा कुछ नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर की गई।
इस धोखाधड़ी का मकसद कर्मचारियों द्वारा अपने दान को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाकर अपनी मुआवजा राशि को बढ़ाना था। हालांकि, Apple ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस धोखाधड़ी में दो नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन शामिल हैं- अमेरिकन चाइनीज इंटरनेशनल कल्चरल एक्सचेंज (ACICE) और Hop4Kids। इसका मुख्य आरोपी Kwan है जो Hop4Kids का CEO और ACICE का अकाउंटेंट था।
कैसे किया कर्मचारियों ने फ्रॉड?
अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क NBC ने अपनी रिपोर्ट में लॉस एंजिल्स के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि कई कर्मचारियों को Apple के चैरिटेबल मैचिंग ग्रांट्स कार्यक्रम का दुरुपयोग करने के कारण बर्खास्त किया गया। यह प्रोग्राम एक कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) इनिशिएटिव है, जिसका मकसद कर्मचारियों द्वारा किए गए दान को बढ़ाना है। रिपोर्ट के मुताबिक धोखाधड़ी में शामिल कर्मचारियों ने इस प्रोग्राम का गलत इस्तेमाल किया, जिससे उन्हें बर्खास्त किया गया।
आरोपों के अनुसार कुछ कर्मचारियों ने नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर दान की राशि को गलत तरीके से बढ़ाया। इस प्रोग्राम में कर्मचारियों ने यह दिखावा किया कि वे दान कर रहे हैं, जबकि असल में यह दान उन्हें चैरिटीज से वापस मिल जाता था, और Apple द्वारा दी गई मैचिंग राशि वे कर्मचारी अपने पास रख लेते थे। इसके साथ ही आरोपियों पर टैक्स चोरी का भी आरोप लगाया गया है।