टाटा ग्रुप की बिगबास्केट (BigBasket) की सब्सक्रिप्शन सर्विस BBdaily को आने वाले महीनों में मेन बिगबास्केट ऐप में विलय कर दिया जाएगा। कंपनी भारत के तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स बाजार पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कदम उठा रही है। कंपनी वर्तमान में दो ऐप चलाती है: बिगबास्केट (मेन ऐप) और बीबीडेली (सब्सक्रिप्शन सर्विस)। मेन बिगबास्केट ऐप के अंदर भी विंडो हैं- एक स्लॉटेड 2-3 घंटे की डिलीवरी (बिगबास्केट सुपरसेवर) के लिए और दूसरी 10-20 मिनट की डिलीवरी (BBnow) के लिए।
बिगबास्केट आने वाले महीनों में अपनी सभी ऑफरिंग्स को एक ही ऐप के तहत रखने की तैयारी कर रही है, जिसमें कोई डिवीजन नहीं होगा। यह रणनीति बिगबास्केट के बड़े कदम का हिस्सा है। कंपनी स्लॉटेड 2-3 घंटे की डिलीवरी से पूरी तरह हटकर 10-20 मिनट की डिलीवरी मॉडल की ओर बढ़ रही है और ग्राहकों की पसंद के अनुसार एक शुद्ध क्विक कॉमर्स कंपनी बन रही है।
कंपनी के सीईओ हरि मेनन ने मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि इस बदलाव से बिगबास्केट के स्केल और बाजार हिस्सेदारी की सही तस्वीर सामने आएगी। मेनन ने कहा, "हम अपने कारोबार के दो हिस्सों को एक साथ जोड़ रहे हैं। BBdaily फिलहाल एक अलग ऐप है और दिसंबर तक हम इसे भी मेन ऐप में, एक ही इंटरफेस में लाएंगे और इसे सब्सक्रिप्शन कहेंगे।"
बिगबास्केट के रेवेन्यू में किस यूनिट का कितना योगदान
बिगबास्केट के 1,100-1,200 करोड़ रुपये के कारोबार में BBdaily का योगदान करीब 150 करोड़ रुपये है और यह तीसरी सबसे बड़ी यूनिट है। बिगबास्केट सुपरसेवर (स्लॉटेड डिलीवरी मॉडल) सबसे बड़ी कॉन्ट्रीब्यूटर है और इससे करीब 700 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल होता है। कंपनी की क्विक कॉमर्स शाखा BBnow बाकी 350 करोड़ रुपये का योगदान देती है।
मेनन के अनुसार, बिगबास्केट की अन्य यूनिट प्रॉफिटेबल हैं लेकिन यह वर्तमान में ब्लिंकइट, स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो और फ्लिपकार्ट मिनट्स जैसे नए कॉम्पिटीटर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने क्विक कॉमर्स कारोबार को फंड कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी की सभी यूनिट का प्रॉफिटेबल होना 9-12 महीने दूर है। क्विक कॉमर्स डिवीजन कंपनी के लिए आशाजनक परिणाम दे रहा है।