Dr Reddy's News: दिल्ली हाईकोर्ट ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज और वनसोर्स स्पेशल्टी फार्मा (OneSource Specialty Pharma) को सेमाग्लूटाइड की भारत में बिक्री पर रोक लगा दिया है। यह नोवो नॉर्डिस्क की वजन घटाने की दवा वीगोवी (Wegovy) का एक्टिव इंग्रेडिएंट है। सीएनबीसी-टीवी 18 की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट ने डेनमार्क की फार्मा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) की तरफ से दायर पेटेंट उल्लंघन मामले की सुनवाई के बाद यह अंतरिम आदेश जारी किया है। यह फैसला ऐसे अहम समय में आया है, जब मोटापा और शुगर के इलाज की मांग दुनिया भर में बढ़ रही है और नोवो नॉर्डिस्क भारत में इससे जुड़ी दवा वीगोवी को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
कितना बड़ा है भारत में मोटापा से जुड़ी दवाईयों का बाजार?
मोटापा थामने वाली दवाईयों का बाजार भारत में रॉकेट की स्पीड से बढ़ रहा है। चार साल में यह चार गुना बढ़ गया। Pharmatrac के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 में यह ₹133 करोड़ से उछलकर ₹576 करोड़ पर पहुंच गया। इसकी एक वजह सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) है जिसकी मार्केट वैल्यू ₹397 करोड़ है जोकि इसकी प्रतिद्वंद्वियों लिराग्लूटाइड (Liraglutide) और डुलाग्लूटाइड (Dulaglutide) से काफी अधिक है।
Novo Nordisk का बिग प्लान
भारत में मोटापे की दवा की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते नोवो नॉर्डिस्क ने अपनी स्ट्रैटेजी बदली है। पहले इसकी योजना वीगोवी को वर्ष 2026 में लॉन्च करने की थी लेकिन अब फार्मा कंपनी इसके लॉन्च करने की स्पीड को बढ़ा दिया है। वीगोवी को जल्द ही बाजार में लाने का कंपनी का फैसला हाल ही में एली लिली (Eli Lilly) की वजन घटाने वाली Mounjaro की भारतीय बाजार में प्रवेश के बाद आया है जिसके आने के बाद मार्केट में कॉम्पटीशन बढ़ गया है। इसी वजह से नोवो नॉर्डिस्क को मार्केट में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए स्ट्रैटेजी में बदलाव करना पड़ा। मनीकंट्रोल से बातचीत में कंपनी ने कहा कि हेल्थकेयर कंपनी के रूप में वह अपने मरीजों के लिए इलाज की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी समझती है।