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₹1 करोड़ का हुआ एक BitCoin, 'क्रिप्टो वीक' के पहले दिन नई ऊंचाई पर, चांदी और Google भी छूटे पीछे

BitCoin Price: करीब 15 साल पहले महज ₹4 में मिलने वाला एक बिटकॉइन अब ₹1 करोड़ के पार पहुंच गया है। पिछले कुछ दिनों से इसके भाव में इतनी जोरदार तेजी की आंधी आई कि इसके भाव आज पहली बार $1.21 लाख के पार पहुंच गए। जानिए बिटकॉइन की इस तेजी की वजह क्या है?

अपडेटेड Jul 14, 2025 पर 11:56 AM
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बिटकॉइन की तेजी ने इसे मार्केट कैप के हिसाब से सिल्वर और गूगल से आगे कर दिया और अब यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा एसेट है।

BitCoin jumps to Record High: अमेरिकी 'क्रिप्टो वीक' से पहले बिटकॉइन की चमक तेजी से बढ़ रही है। मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के भाव उछलकर $1.21 लाख के पार पहुंच गए। भारतीय करेंसी रुपये में बात करें तो पहली बार बिटकॉइन 1 करोड़ के पार पहुंचा है। कॉइनमार्केटकैप पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक फिलहाल यह 3.68% की तेजी के साथ $1,22,291.69 पर है। कारोबार के दौराम आज यह $1,22,540.92 के रिकॉर्ड हाई तक पहुंचा था। सात दिनों में इसमें 12% से अधिक तेजी आई है। इस क्रिप्टो मार्केट को ट्रंप के सपोर्ट, क्रिप्टो ईटीएफ में मजबूत निवेश और कॉरपोरेट ट्रेजरी के बढ़ते आवंटन से सपोर्ट मिला है।

चांदी और गूगल से आगे निकला BitCoin

बिटकॉइन की तेजी ने इसे मार्केट कैप के हिसाब से सिल्वर और गूगल से आगे कर दिया और अब यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा एसेट है। बिटकॉइन का मार्केट कैप $2.4 ट्रिलियन यानी $2.4 लाख करोड़ है जबकि गूगल का मार्केट कैप $2.19 ट्रिलियन है। मार्केट कैप के हिसाब से टॉप एसेट गोल्ड है। BuyUcoin के सीईओ शिवम ठकराल के मुताबिक आज से शुरू हो रहे 'क्रिप्टो वीक' ने बिटकॉइन में तगड़ी चाबी भरी है जिसके चलते यह नई ऊंचाई पर पहुंचा है।


Crypto Week क्या है?

अमेरिका ने 3 जुलाई को ऐलान किया था कि 14 जुलाई से शुरू होने वाला सफ्ताह क्रिप्टो वीक होगा। अमेरिका को दुनिया की क्रिप्टो कैपिटल बनाने के लक्ष्य के तहत क्लेरिटी एक्ट (CLARITY Act), जीनियस एक्ट (GENIUS Act) और एंटी-सीबीडीसी सर्विलांस एक्ट जैसे अहम बिल पर चर्चा होगी। ये बिल क्रिप्टो से जुड़ी नियामकीय भूमिकाओं को स्पष्ट करने, स्टेबलकॉइन्स को ऑथराइज करने और अमेरिका के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को रोकने के उद्देश्य से लाए जा रहे हैं। कॉइनस्विच मार्केट्स डेस्क के मुताबिक इससे क्रिप्टो मार्केट में इंस्टीट्यूशंस की हिस्सेदारी बढ़ सकती है।

एवा लैब्स की रीजनल हेड देविका मित्तल का कहना है कि ये बिल काफी अच्छे समय पर आ रहें हैं क्योंकि वियतनाम जैसे देश भी क्रिप्टो को अपनाना शुरू कर रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां अब तक स्पष्ट नियमों के इंतजार में इससे दूर थे, लेकिन अब क्रिप्टो वीक में पेश किए जाने वाले बिल से उन्हें क्रिप्टो में निवेश को लेकर भरोसा आ सकता है। हालांकि इन बिल्स (विधेयकों) का उद्देश्य क्रिप्टो मार्केट में बड़े निवेशकों को आकर्षित करने का ही नहीं, बल्कि आम निवेशकों को धोखाधड़ी और गलत तरीकों से बचाने का भी है।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि क्रिप्टो मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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