दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन में लगातार चौथे दिन गिरावट रही। क्रिप्टो मार्केट में ऐसे समय में बिकवाली का दबाव दिख रहा जब स्टॉक मार्कट में खरीदारी का जोरादर रुझान है। चूंकि बिटक्वॉन का आधे से अधिक क्रिप्टो मार्केट पर कब्जा है तो इसकी गिरावट का असर बाकी क्रिप्टो पर पर भी दिखता है। बिटक्वॉइन टूटकर 55 हजार डॉलर के नीचे आ गया है तो ऐथर और एक्सआरपी में भी तेज गिरावट है। बिटक्वॉइन पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते भी दबाव है। इसकी वजह ये है कि अमेरिका में इस समय अगले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर काफी गहमा-गहमी है और राजनीतक तौर पर काफी उठा-पटक दिख रही है।
BitCoin समेत बाकी क्रिप्टो में क्यों है बिकवाली का दबाव
क्रिप्टो ट्रेडर्स को इस समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जैसे कि अमेरिकी बिटकॉइन ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की मांग घट रही है। इसके अलावा सरकारें जब्त किए गए टोकन को बाहर निकाल रही है और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के चलते राजनीतिक उठा-पटक चल रही है। इन सबके अलावा सबसे अहम तो ये है कि बंद हो चुके एक्सचेंज Mt. Gox के एडमिनिस्ट्रेटर क्रेडिटर्स को बड़ी संख्या में किश्तों में बिटक्वॉइन लौटा रहे हैं। हालांकि मार्केट को अभी तक यह नहीं पता है कि 800 करोड़ डॉलर में से कितने बिटक्वॉइन वापस आएंगे। अरखम इंटेलिजेंस के मुताबिक शुक्रवार को 270 करोड़ डॉलर के टोकन बाहर निकाले गए।
रोजगार के आंकड़ों पर रहेगी नजर
क्रिप्टो निवेशक इस समय सतर्क रुख अपनाए हुए हैं जिससे क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। फिलहाल निवेशक अमेरिका में रोजगार के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं जो आज शुक्रवार को आने वाला है। इसके अलावा बिटक्वॉइन के बाद दूसरी सबसे बड़ी करेंसी ऐथर के ईटीएफ को लेकर अमेरिकी नियामक क्या फैसला लेता है, इस पर भी निगाहें बनी हुई हैं। बिटक्वॉइन के ईटीएफ को जब मंजूरी मिली थी तो पूरे क्रिप्टो मार्केट में रौनक हो गई थी। बिटक्वॉइन खुद सरपट दौड़ने लगा था और मार्च में 73,798 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।