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कभी 22 अरब डॉलर थी Bjyu’s की वैल्यू, लेकिन अब 'जीरो', आखिर कैसे अर्श से फर्श पर आई कंपनी?

संकट का सामना कर रही एडटेक कंपनी बायजूज (Byju's) के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने दावा किया कि निवेशकों ने 40 और बाजारों में आक्रामक तरीके से विस्तार करने का सुझाव दिया था, लेकिन रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला शुरू करने के चलते ग्लोबल मार्केट को झटका लगने के बाद वे पीछे हट गए

अपडेटेड Oct 19, 2024 पर 8:45 PM
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बायजूज (Byju's) के फाउंडर बायजू रवींद्रन कहना है कि उनके स्टार्टअप, जिसकी वैल्यू कभी 22 अरब डॉलर थी, अब "जीरो" नेटवर्थ है।

संकट का सामना कर रही एडटेक कंपनी बायजूज (Byju's) के फाउंडर बायजू रवींद्रन कहना है कि उनके स्टार्टअप, जिसकी वैल्यू कभी 22 अरब डॉलर थी, अब "जीरो" नेटवर्थ है। टेकक्रंच के अनुसार पत्रकारों के एक ग्रुप को दिए गए एक बयान में रवींद्रन ने कहा कहा, "इसकी (Byju's) कीमत शून्य है। आप किस वैल्यूएशन की बात कर रहे हैं? इसकी कीमत शून्य है।" रवींद्रन का कहना है कि कंपनी के तेजी से विस्तार और 24 से अधिक स्टार्टअप के अधिग्रहण के चलते 2022 में वित्तीय संकट पैदा हुआ, उसी वर्ष कंपनी पब्लिक होने की योजना बना रही थी।

कैसे अर्श से फर्श पर आई कंपनी?

उन्होंने दावा किया कि इन निवेशकों ने 40 और बाजारों में आक्रामक तरीके से विस्तार करने का सुझाव दिया था, लेकिन रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला शुरू करने के चलते ग्लोबल मार्केट को झटका लगने के बाद वे पीछे हट गए। अपने बयान में रवींद्रन ने कहा कि उनके तीन मुख्य समर्थक प्रोसस वेंचर्स, पीक XV और चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव पिछले साल कंपनी के बोर्ड से "भाग गए", जिससे उनके लिए और अधिक फंड जुटाना असंभव हो गया।


बता दें कि पिछले कुछ महीनों में कंपनी को नौकरियों में कटौती और वैल्यूएशन में कमी सहित कई झटके लगे हैं। निवेशकों ने कंपनी के पूर्व CEO रवींद्रन पर कॉर्पोरेट गवर्नेंस में चूक का आरोप लगाया है। हालांकि, रवींद्रन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बायजू किसी दिन वापसी करेगा। पिछले साल दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच पर एक इंटरव्यू में रवींद्रन ने कहा कि उन्होंने कई बार स्वीकार किया कि उन्होंने “अपनी ओर से उचित गलतियां” की हैं।

बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने NCLT के उस आदेश पर सवाल उठाया, जिसमें बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को खारिज कर दिया गया था और BCCI के साथ उसके 158.9 करोड़ रुपये के बकाये के निपटान को मंजूरी दे दी गई थी। डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि NCLT ने एड-टेक प्रमुख के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही बंद करते समय विवेक का प्रयोग नहीं किया। पीठ ने संकेत दिया कि वह विवाद को नए सिरे से निर्णय के लिए वापस भेज सकती है।

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