Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को सभी निवेशक कटेगरी के लिए एंजल टैक्स को खत्म करने की घोषणा की है। निवेशकों का कहना है कि बजट 2024 में एंजल टैक्स को खत्म करना स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक 'महत्वपूर्ण क्षण' है। भारत के स्टार्टअप संस्थापकों और निवेशकों ने केंद्रीय बजट 2024 में सभी निवेशक कटेगरी के लिए एंजल टैक्स को खत्म करने के सरकार के कदम की सराहना की और इसे एक 'महत्वपूर्ण क्षण' बताया, क्योंकि इससे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत अधिक पूंजी आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
3वन4 कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर सिद्धार्थ पई ने मनीकंट्रोल से कहा, "कुछ निवेशकों के लिए एंजल टैक्स हटाने की घोषणा एक बड़ा रिफार्म है। स्टार्टअप्स के लिए भारत में बने रहना और यहीं से आगे बढ़ना जरूरी है। निवेशकों की कटेगरी के बारे में विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिल पाई है, लेकिन यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा कदम है। यह भारतीय स्टार्टअप की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।"
एंजल टैक्स को समाप्त करने का सरकार इस कदम से स्टार्टअप इकोसिस्टम की ओर से लंबे समय से की जा रही इसकी मांग पूरी हुई है। पीपल ग्रुप के संस्थापक और सीईओ तथा एक्टिव एंजल निवेशक अनुपम मित्तल ने कहा, "यह लंबे समय से चली आ रही गलती थी जिसे सुधार लिया गया है और स्टार्टअप इकोसिस्टम को इस पर खुशी मनानी चाहिए। हमें भारत को दुनिया का टॉप स्टार्टअप हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए और यही वह समय है जब हम इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। यह उस दिशा में उठाया गया पहला बड़ा कदम है।"
पिछले साल, केन्द्रीय बजट में एंजल टैक्स प्रावधान में बदलाव किए जाने से विदेशी निवेशकों द्वारा देश में स्टार्टअप निवेश को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं। कहा जा रहा है कि वित्त मंत्री के इस कदम से घरेलू और विदेशी निवेशकों दोनों की ओर से देश में एंजल और वी.सी. निवेश में तेजी आएगी।
यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स के मैनेजिंग पार्टनर अनिल जोशी ने कहा, "इससे निश्चित रूप से भारत में एंजल निवेश के विस्तार में मदद मिलेगी और कर भुगतान करके किए गए निवेश के लिए भी कर नोटिस मिलने का बोझ दिमाग से हट जाएगा। इससे बहुत सारी घरेलू पूंजी भी फ्री होगी और फंडिंग की भावना में सुधार होगा।" एंजल टैक्स मूल रूप से 2012 में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए शुरू किया गया था।