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Budget 2022-23: बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए चाहिए बूस्टर डोज

रियल एस्टेट सेक्टर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर में शामिल है। खासकर इसके रेजिडेंशियल सेगमेंट पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है

अपडेटेड Jan 25, 2022 पर 7:08 PM
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जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर के योगदान को देखते हुए बजट में इस सेक्टर के लिए राहत का ऐलान हो सकता है। इस सेक्टर की भूमिका रोजगार के मौके पैदा करने में भी रही है।

गौरव कार्णिक

पिछले दो साल इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy) के लिए बहुत चैलेंजिंग रहे हैं। कोरोना की एक के बाद एक लहरों ने मुश्किलें पैदा कर दीं। इससे इकोनॉमी की ग्रोथ पर ब्रेक लग गया। इसका सीधा असर रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ा। यह कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर में शामिल है। खासकर इसके रेजिडेंशियल सेगमेंट पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट (Budget 2022) में इस सेक्टर के लिए राहत का ऐलान कर सकती हैं।

पिछली कुछ तिमाहियों से रेजिडेंशियल सेगमेंट में थोड़ी रिकवरी दिखी है। लेकिन, ओमीक्रॉन के आने के बाद फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर के योगदान को देखते हुए बजट में इस सेक्टर के लिए राहत का ऐलान हो सकता है। इस सेक्टर की भूमिका रोजगार के मौके पैदा करने में भी रही है। इसलिए बजट में राहत मिलने से इस सेक्टर की चमक फिर से लौट सकती है।


अभी खुद के इस्तेमाल के लिए घर खरीदने पर होम लोन के इंट्रेस्ट पर सालाना 2 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता है। इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की जरूरत है। इससे घरों की मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही रियल एस्टेट कंपनियों को भी फायदा होगा। हाउस प्रॉपर्टी से लॉस को दूसरे स्रोत से इनकम के साथ सेट-ऑफ की 2 लाख रुपये की लिमिट रियल एस्टेट सेक्टर के लिए निगेटिव साबित हुई है। इस लिमिट को हटाने से इस सेक्टर में निवेश बढ़ेगा।

31 मार्च, 2023 तक एप्रूव्ड अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को टैक्स हॉलीडे की इजाजत है। ऐसे प्रोजेक्ट्स के पूरा होने की समयसीमा मौजूदा पांच साल से बढ़ाकर सात साल करने की जरूरत है। साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 45 लाख रुपये की लिमिट भी बढ़ाने की जरूरत है।

रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) और निवेश आकर्षित करने के लिए इससे जुड़े टैक्स रीजीम इकोनॉमी के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं। इस तरह के इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिहाज से बिजनेस ट्रस्ट यूनिटस के लिए होल्डिंग पीरियड को शेयरों की तरह करने की जरूरत है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगर बजट में रियल एस्टेट की मुश्किलें दूर करने के लिए कदम उठाती हैं तो इससे फिर से इस सेक्टर की चमक लौट सकती है। इस सेक्टर में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करोड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

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