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Budget 2022 Expectation: होम लोन के मूल पर छूट को 80C से किया जाए बाहर, रियल एस्टेट सेक्टर की डिमांड

Budget Expectation 2022: 1 फरवरी 2022 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी

अपडेटेड Dec 13, 2021 पर 5:27 PM
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Budget 2022 Expectation: होम लोन के मूल पर छूट को 80C से किया जाए बाहर

Budget Expectation 2022: 1 फरवरी 2022 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी लेकिन अभी से सभी सेक्टर्स से जुड़ी इंडस्ट्री बजट से अपनी डिमांड वित्तमंत्री को भेज रहे हैं। रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी मार्केट भी अपनी डिमांड वित्त मंत्री को भेज रहे हैं। अभी ये समय प्रॉपर्टी बाजार के लिए काफी अच्छा चल रहा है। होम लोन की ब्याज दरें एक दशक के निचले स्तर पर हैं और ग्राहकों के पास चुनने के लिए कई घरों के विकल्प मौजूद हैं। अब आगे घर खरीदने और प्रॉपर्टी बाजार को बढ़ाने के लिए आने वाले बजट 2022 से और और छूट उम्मीद कर रहा है।

होम लोन छूट को 80सी से बाहर रखा जाए

ANAROCK Group के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि अभी होम लोन के मूल को इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट मिलती है। दरअसल, 80सी के तहत कई सारे निवेश विकल्प होते हैं जिनपर छूट मिलती है। इसकी मैक्सिम लिमिट 1.50 लाख रुपये है। ये सीमा सरकार ने लंबे समय से नहीं बढ़ाई है। अब सरकार को इस बार इस लिमिट को बढ़ाना चाहिए। ऐसा होने से प्रॉपर्टी सेल में इजाफा होगा।


इंडस्ट्री का मानना है कि होम लोन के मूलधन पर छूट का अलग सेक्शन बनना चाहिए। स्क्वायर यार्ड्स की सह-संस्थापक और सीओओ कनिका गुप्ता शौरी ने कहा कि सरकार को 80सी के तहत होम लोन के मूल भुगतान पर 1.50 लाख रुपये की अलग से कटौती की इजाजत देनी चाहिए। अभी धारा 80सी पीएफ, पीपीएफ और जीवन बीमा पॉलिसियों सहित कई निवेश पर छूट देता है। मध्यम वर्ग के लिए निवेश के बाद होम लोन के मूल पर छूट के लिए 80सी में बहुत सारे विकल्प हैं। अगर ये 80 सी अलग होता है तो लोगों की रूचि इसमें अधित बढ़ेगी।

होम लोन के ब्याज पर कटौती बढ़ाएं

होम लोन पर मौजूदा ब्याज दरें सालाना 7 फीसदी से कम हैं, लेकिन फिर भी 30 लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज लेने वाला व्यक्ति शुरुआती सालों में चुकाए गए पूरे ब्याज पर कटौती का दावा नहीं कर पाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत ब्याज दर में कटौती के खिलाफ प्रति वर्ष 2 लाख रुपये की सीमा है। पुरी कहते हैं कि हाउसिंग लोन की ब्याज दरों पर 2 लाख रुपये की टैक्स छूट को बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये किये जाने की जरूरत है। इससे प्रॉपर्टी बाजार में तेजी आएगी।

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